*पालमपुर मिनी सचिवालय — सरकारी दफ्तर या ‘काई किला( भवन’)?


पालमपुर मिनी सचिवालय — सरकारी दफ्तर या ‘काई किला (भवन’)?

ट्राई सिटी टाइम्स | पालमपुर
बरसात से पहले ट्राई सिटी टाइम्स ने पालमपुर मिनी सचिवालय की तस्वीरें प्रकाशित की थीं, जिनमें प्रवेश द्वार पर जमी मोटी काई और दीवारों की बदरंग हालत ने प्रशासनिक उपेक्षा की साफ तस्वीर पेश की थी। अफसोस की बात है कि महीनों बीत जाने के बाद भी नज़ारा जस का तस है।
यह वही भवन है जहां तहसील के प्रमुख अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के जिम्मेवार अधिकारी, और अन्य मुख्य कार्यालय कार्यरत हैं। लेकिन रोज़ाना इसी द्वार से अंदर प्रवेश करने के बावजूद शायद किसी की नज़र उसकी हालत पर नहीं जाती।
दीवारों पर काई, टूटी फर्श और खिड़कियों में रखी बोतलें अब इस भवन की पहचान बन चुकी हैं। लोक निर्माण विभाग की लापरवाही तो हद से परे दिखाई देती है—पेंटिंग जैसा छोटा कार्य भी महीनों से अधूरा पड़ा है।
गौर करने वाली बात यह है कि खबर को देखने के बाद पढ़ने के बाद एक सामाजिक संस्था ने आगे बढ़कर केवल एंट्री पॉइंट के हिस्से को पेंट करवाने की पेशकश की थी और कहा था कि जिम्मेवार विभाग यह लिखकर दे दे की “हम यह कार्य करवाने में असमर्थ हैं कृपया आप इसे चैरिटी के रूप में करवा दीजिए” तो वह यह कार्य करवा देंगे
इसी भवन के शौचालयों की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं। ट्राई सिटी टाइम्स द्वारा साझा वीडियो में लोग दो इंच पानी में खड़े होकर शौचालय का प्रयोग करते दिखे—वह दृश्य किसी भी आगंतुक के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है। ट्राइसिटी टाइम्स ने इसका वीडियो भी शेयर किया था लेकिन वह वीडियो शायद दीवारों ने ही देखा होगा फाइलों की धूल ने उस को भी ढक लिया।
अब सवाल यह है कि यह मिनी सचिवालय—जो पूरे उपमंडल की व्यवस्था का प्रतीक होना चाहिए—स्वयं उपेक्षा और अव्यवस्था का उदाहरण क्यों बनता जा रहा है?
अगर हालात ऐसे ही रहे, तो शायद यह भवन खुद ही एक दिन बोर्ड लगाकर कहेगा—
“यह भवन सरकारी है, कृपया स्वच्छता की उम्मीद न करें।” अब सवाल जनता से है कि क्या यह स्थिति ऐसे ही चलती रहनी चाहिए क्या लोक निर्माण विभाग इतने छोटे से कार्य को करवाने में इतना असमर्थ क्यों है? यहां पर जो प्रबुद्ध वकील और अन्य लोग कार्य कर रहे हैं उन्होंने भी यही कहा कि अगर अधिकारियों की इच्छा शक्ति हो तो यह कार्य दो दिन में ही करवाया जा सकता है और भवन को भूतिया बंगला बनने से रोका जा सकता है।


“स्वच्छता के इनाम की पोल खोलता तहसील परिसर — जहां सड़ांध बोलती है और अफसर सोते हैं!” https://tricitytimes.com/2025/10/31/bk-जनमंच-23/
https://www.facebook.com/share/r/1Cw73Qojxz/



