*नगर निगम पालमपुर की मनमानी से नाराज पार्षद, स्ट्रीट लाइट्स के आवंटन में भेदभाव का आरोप*
स्ट्रीट लाइट आवंटन पर घमासान, पक्षपात और तानाशाही के आरोप तेज


नगर निगम पालमपुर की मनमानी से नाराज पार्षद, स्ट्रीट लाइट्स के आवंटन में भेदभाव का आरोप

पालमपुर (बी. के. सूद, मुख्य संपादक, TCT.( Tricity Times ) :
नगर निगम पालमपुर में स्ट्रीट लाइट्स के आवंटन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। शहर के विभिन्न वार्ड्स के निर्वाचित पार्षदों ने निगम प्रशासन पर मनमानी और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का गंभीर आरोप लगाया है। पार्षदों का कहना है कि उन्हें सर्वसम्मति से निर्णय लेने के बजाय, उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है।
वार्ड-14 के पार्षद श्रीमति मोनिका शर्मा ने कहा – “हमारी एक नहीं सुनी गई”
वार्ड नंबर 14 के निर्वाचित पार्षद मोनिका शर्मा ने इस मामले पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया, “हमने लाइट्स के बारे में निगम के शासन प्रशासन से बात की थी, लेकिन उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी। हमारे वार्ड को पूरी तरह से उपेक्षा के कटघरे में खड़ा कर दिया।” उन्होंने आगे कहा, “निर्वाचित प्रतिनिधियों का निर्माण और विकास के कार्यों में जवाबदेही ज्यादा होती है, वह अपने वोटर के प्रति जवाबदेह होते हैं। परंतु अगर इसी तरह से पक्षपातपूर्ण निर्णय होते रहे, तो यह न केवल पार्षदों के साथ पक्षपात होगा, बल्कि निगम के वोटरों के प्रति भी अन्याय होगा।”
वार्ड-11 के पार्षद श्रीमती संतोष अकेला ने उठाया सवाल – “लोकतंत्र में यह बंदरबांट ठीक नहीं”
वार्ड नंबर 11 राजपुर की निर्वाचित पार्षद श्रीमति संतोष अकेला ने प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम प्रशासन को चाहिए था कि वह एक जनरल हाउस की बैठक बुलाते और सर्वसम्मति से यह निर्णय करते कि किस वार्ड को कितनी लाइट्स देनी है। उन्होंने जोर देकर कहा, “क्योंकि जवाबदेही निर्वाचित प्रतिनिधियों की होती है, इसलिए अगर कोई कार्य करना हो तो उसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सहमति जरूरी होनी चाहिए।”
पार्षद संतोष अकेला ने राजनीतिक तटस्थता की बात करते हुए कहा, “अंधेरा किसी पार्टी विशेष का नहीं होता, उजाला किसी पार्टी विशेष का नहीं होता और रास्ते भी किसी पार्टी विशेष के नहीं होते। रास्ते में अगर अंधेरा है तो वहां से सभी पार्टियों के लोग गुजरते हैं।” उन्होंने मौजूदा आवंटन को ‘बंदरबांट’ करार देते हुए कहा, “नगर निगम में 300 लाइट्स आई हैं, लेकिन उसमें जो बंदरबांट हुई है, वह लोकतंत्र में किसी भी लिहाज से सही नहीं है।”
वार्ड-4 के पार्षद एवं पूर्व उप महापौर ने लगाया तानाशाही का आरोप
वार्ड नंबर 4 के पार्षद व पूर्व उप महापौर अनीश नाग ने सबसे तीखे हमले में यहां तक कहा कि “नगर निगम पालमपुर में जंगलराज चल रहा है। यहां पर किसी भी नियम या कायदे का पालन नहीं किया जा रहा। निगम अपनी मनमर्जी से तानाशाही रूप से कार्य किया जा रहा है।”
उन्होंने तो यहां तक दावा किया, “उन्हें मालूम ही नहीं की लाइट्स आई भी हैं या नहीं, क्योंकि हमें इस बारे में बिल्कुल विश्वास में नहीं लिया गया कि कहां पर लाइट्स लगानी है और कहां पर नहीं।”
स्ट्रीट लाइट्स के मामले में नगर निगम पालमपुर के निर्वाचित प्रतिनिधि एक सुर में शाशन प्रशासन के रवैये से नाखुश हैं। उनका मानना है कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और सहमति की अनदेखी करते हुए जिस तरह से निर्णय लिए जा रहे हैं, वह न केवल पार्षदों के साथ अन्याय है, बल्कि आम नागरिकों के हितों के विरुद्ध भी है।
अनीश नाग ने कहा कि पूर्व में रही पार्षद मेयर पूनम बाली कभी भी भेदभाव की राजनीति नहीं करती थी वे सदा सभी पार्षदों को एकजुट लेकर कार्य और निर्णय लेती थी हम उनका भी स्वागत करते हैं कि उनके कार्यकाल में कोई भी किसी भी प्रकार का द्वेष की राजनीति नहीं थी। साथ ही वह बुटेल जी की राय लेकर भी कार्य करती थी,
मुझे लगता अब यहां बुटेल जी को भी कुछ भी नहीं बताया जा रहा है, उन्होंने कहा।
अब देखना यह है कि पार्षदों के इन गंभीर आरोपों के बाद नगर निगम प्रशासन इस मामले में कोई पारदर्शी और समावेशी प्रक्रिया अपनाएगा या नहीं।



