*पालमपुर में चल रहा सीवरेज प्रोजेक्ट अब स्थानीय लोगों में बना की परेशानी का सबब*


*पालमपुर में चल रहा सीवरेज प्रोजेक्ट अब स्थानीय लोगों में बना की परेशानी का सबब*

पालमपुर। ट्राई सिटी टाइम्स न्यूज़
मुख्य संपादक – B K Sood
पालमपुर में चल रहा सीवरेज प्रोजेक्ट अब स्थानीय लोगों की परेशानी और विभागों की गैर-जिम्मेदारी का प्रतीक बन गया है। बुटेल चौक से हुंडई वर्कशॉप तक लगभग 300 मीटर का पैच तीन महीने पहले खोदा गया था, लेकिन तीन महीनों में इस छोटे से हिस्से को भी पूरा न कर पाना पूरे प्रोजेक्ट की गंभीर खामियों को उजागर करता है। जब 300 मीटर का काम ही तीन महीने में नहीं हो पाया तो कई किलोमीटर लंबे पूरे सीवरेज प्रोजेक्ट को पूरा होने में कितने वर्ष लगेंगे, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। कुछ लोगों ने तंज भरे अंदाज में कहा कि आने वाले 50 सालों में भी यह प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने वाला
सबसे हैरानी की बात यह है कि इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई विभाग तैयार ही नहीं। जल शक्ति विभाग कहता है कि काम PWD का है, PWD कहता है कि यह जल शक्ति विभाग की जिम्मेदारी है, और जब नगर निगम को फोन किया जाता है तो वह इन दोनों पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेता है। हालात यह हैं कि पूरे प्रोजेक्ट का कोई मालिक नजर नहीं आता और ठेकेदार कंपनी भी किसी तरह की टिप्पणी करने से बचती दिखाई देती है।
इधर, स्थानीय लोगों की जिंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है। सड़क की खुदाई के बाद धूल, मिट्टी और कीचड़ ने पूरे इलाके को जकड़ लिया है। कई महीनों से लोगों की गाड़ियां घरों के बाहर इधर-उधर खड़ी रहती हैं, जिनमें से कुछ को शरारती तत्वों द्वारा नुकसान भी पहुंचाया गया है। बुजुर्गों और बच्चों का आना-जाना मुश्किल हो गया है, व्यापारियों की दुकानदारी पर असर पड़ा है और पूरे क्षेत्र में असुविधा का माहौल बना हुआ है। इसके बावजूद न विभागों को चिंता है और न ही ठेकेदार को कोई मतलब, जैसे स्थानीय लोगों की समस्याएं उनकी प्राथमिकताओं में हैं ही नहीं।
लोगों में इस बात को लेकर भी चर्चा है कि प्रोजेक्ट में हो रही देरी जानबूझकर की जा रही है ताकि यहां के विधायक की छवि खराब की जा सके और राजनीतिक नुकसान पहुंचाया जा सके। प्रोजेक्ट को लटकाकर जनता के गुस्से को विधायक के खिलाफ मोड़ने की कोशिश भी लोगों में एक आम चर्चा का विषय बनी हुई है।
कुल मिलाकर, पालमपुर में सीवरेज प्रोजेक्ट अपनी धीमी गति, विभागीय भ्रम और कुप्रबंधन की वजह से जनता के लिए मुसीबत बन चुका है। स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार तुरंत हस्तक्षेप करे, जिम्मेदारी तय करे और काम को समयबद्ध तरीके से पूरा करवाए ताकि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पटरी पर लौट सके।









