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*PGI के अनुबंध पर तैनात 4000 कर्मचारियों के हड़ताल पर गए ओपीडी से लेकर सभी व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर।*

Bksood chief editor tct

PGI के अनुबंध पर तैनात 4000 कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से ओपीडी से लेकर सभी व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर

पीजीआई ने जनहित में यूनियन के इस कदम के खिलाफ हाईकोर्ट*PGI के अनुबंध पर तैनात 4000 कर्मचारियों के हड़ताल पर गए ओपीडी से लेकर सभी व्यवस्था ध्वस्त होने के कगार पर।* में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए थे कि यूनियन किसी भी तरह से संस्थान की फंक्शनिंग में रुकावट पैदा नहीं करेगी।

PGI  में अचानक हड़ताल की सूचना न होने से दूरदराज से इलाज कराने पहुंचे मरीजों व उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। व्यवस्था संभालने के लिए तैनात किए गए सुरक्षाकर्मियों को धक्का देकर मरीज व उनके परिजन ओपीडी के अंदर तक पहुंच गए। कई जगहों पर बैरिकेडिंग भी तोड़ दी गई। वहीं दूसरी तरफ वार्ड में भर्ती मरीजों को भी समय से इलाज नहीं मिल पाया। विशेष रूप से उन लोगों को बहुत परेशानी हो रही है जो शत्रु किलोमीटर चलकर यहां पर इलाज कराने आते हैं।

हड़ताल की वजह से  यहां तक कि बायो मेडिकल वेस्ट से लेकर वार्ड के अंदर मरीजों के इलाज में इस्तेमाल चिकित्सकीय सामान भी इधर-उधर फैला है। चारों ओर गंदगी का आलम है तथा सिस्टम संभालने के लिए पीजीआई प्रशासन के सारे प्रयास विफल साबित होते नजर आ रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गुस्साए मरीजों व उनके परिजनों ने सबसे पहले न्यू ओपीडी में बैरिकेडिंग को थोड़ा और दूसरी तरफ एडवांस आई सेंटर में भी मरीज सुरक्षाकर्मियों को धक्का देकर अंदर प्रवेश कर गए।

मरीजों तथा उनके अभिभावकों का कहना है कि सरकार को सरकारी अस्पतालों में इस तरह की हड़ताल पूरी तरह से बैन कर देनी चाहिए।

नेहरू अस्पताल के सभी ऐच्छिक ऑपरेशन थियेटर्स, एपीसी, एसीसी तथा एइसी आज बंद रहेगें। वहीं कैथ लैब, इंडोस्कॉपी, ब्रांकोस्कॉपी, रेडियोडायग्नासिस, पेट सेंटर आदि में तय प्रोसिजर रद्द कर दिए गए हैं। पहले से दाखिल मरीजों की देखभाल पहले की तरह की जाएगी। इसके अलावा डायग्नोस्टिक लैब सिर्फ आपातकालीन मरीजों के लिए खुली रहेगी। पीजीआई में टेली- कंसल्टेशन केO जरिए मरीजों को देखने की व्यवस्था की गई है।

लोगों का हड़ताल पर गए इन कर्मचारियों के विरुद्ध गुस्सा फूट रहा है। तथा हड़ताली कर्मचारियों के प्रति सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जबकि हड़ताली कर्मचारियों ने न्यायालय के आदेश के बावजूद भी हड़ताल भी की हुई है।

 

 

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