Editorial: bksood chief editor
जेलेन्सकी अब भी जिद छोड़ दे जल गया सारा यूक्रेन ।
जेलेन्सकी की जिद ने यूक्रेन को तबाही के कगार पर पहुंचा दिया। झुकना तो तुझे ही पड़ेगा जेलेन्सकी परंतु अपने देश के नागरिकों को तहस-नहस करके उनकी जिंदगी है तबाह करके समझौता किया तो क्या किया? फालतू की जिद थी नाटो में जाने की …अगर वह जिद न की होती तो लाखों लोगों की जिंदगी तबाह ना होती… हजारों लोग मरते नहीं… लाखों घर बर्बाद ना होते.. देश खंडहर में ना बदलता …अब तुम्हें जिस जगह से युद्ध शुरू किये थे उस जगह पहुंचने में 50 साल भी लग सकते हैं ,100 साल भी लग सकते हैं… जो तबाही का मंजर हम टीवी पर भी नहीं देख पा रहे हैं, तो यूक्रेन के लोग जो वास्तव में यह सह रहे हैं उनका क्या हाल हुआ होगा उन्होंने कैसे इसे सहा होगा, सोचने मात्र से ही रूह कांप उठती है …..
छोटे-छोटे बच्चे महिलाएं बुजुर्ग बीमार सबको अपना घर छोड़कर भागना पड़ा बड़े से बड़े अमीर लोग भी प्लेटफार्म पर आकर हाथों में रोटियां खाने को मजबूर हो गए… जेलेन्सकी की नासमझी ने यूक्रेन को तबाह कर दिया और पुतिन की जिद ने भी उसके देश को दशकों पीछे धकेल दिया,, गहरे जख्म लगे हैं उसको भी जिसे हो बनने से उसे भी कई दशक लगेंगे।
शांति प्रस्ताव की शर्तों पर भड़के राष्ट्रपति पुतिन, कहा- जेलेंस्की से बोल दो, मैं बर्बाद कर दूंगा