Editorial

*Editorial:-रूस यूक्रेन युद्ध 2 देशों का युद्ध नहीं बल्कि जिद और अति घमंड के बीच का युद्ध*

Bksood chief editor

#bksood जेलेन्सकी की जिद्द और पुतिन का घमंड दोनों ही देशों के नागरिकों को विनाश के कगार पर पहुंचा रहा है ,यही हालात रहे तो विश्व युद्ध होना अप्रत्याशित है जो पूरे विश्व को अपनी चपेट में लेगा।
यह जरूरी नहीं है ,कि सभी देशों पर बम बरसेंगे लेकिन अगर बम दूसरे देशों में बरसेंगे तो उसका असर पूरे विश्व पर आएगा ,पूरे विश्व की आर्थिकी ध्वस्त हो जाएगी ।लोग बेकार और बेरोजगार हो जाएंगे महंगाई बढ़ेगी बेरोजगारी बढ़ेगी कारोबार खत्म हो जाएंगे विश्व में करोड़ों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे लोगों को रोटी कपड़ा मकान दवाइयां कुछ नहीं मिल पाएगी परंतु इन दोनों की ज़िद दुनिया को बहुत महंगी पड़ने वाली है यह दोनों विश्व को तबाह कर कर ही मानेंगे। जबकि मुद्दा कोई भी नहीं है इसीलिए तो कहते हैं कि राजा को बड़े एहतियात से चुनना चाहिए, वरना यूक्रेन जैसा हाल होगा।
इस सारे प्रकरण में इसमें पुतिन की गलती कम है जबकि जेलेंस्की की गलती बहुत अधिक, उसकी जिद और बेवकूफी लोगों की जिंदगी तबाह कर गई ।
आप यूक्रेन की तस्वीर देखोगे तो आंखों में आंसू छलक आएंगे लोगों के पूरे जीवन की कमाई तो गयी ही तबाह तो हुए ही पीड़ा और दुख तो सही रहे हैं परंतु आने वाली पीढ़ियों तक इसका असर भुगतना पड़ेगा ।
अगर जेलेन्सकी नाटो में जाने की जिद ना करता तो शायद वहां के नागरिकों को अपना देश छोड़कर अपना घर छोड़कर अपनी तबाही देखने के लिए मजबूर ना होना पड़ता ।
जेलेंस्की तो बंकर में घुसकर बैठा है आम नागरिक कहां जाएं ? जिन पर बंब बरस रहे हैं! और अब वे धोखेबाज दोस्त और व्यापारी दोस्त कहां गए जो केवल अपना हित देखते हैं अपने एक नाखून बचाने के लिए किसी की गर्दन कटवा सकते हैं ऐसे अमेरिका और अन्य देशों को शर्म आनी चाहिए।
मानवता के साथ यह लोग जो खिलवाड़ कर रहे हैं उन्हें आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी। मानवता के साथ उन्होंने शुक्रवार मजाक किया है अपनी और अपना बिजनेस चमकाने के लिए करोड़ों लोगों को बेघर कर दिया लाखों जिंदगियां तबाह कर दी शायद ईश्वर इन्हें कभी माफ नहीं करेगा क्योंकि उन छोटे-छोटे बच्चों का क्या कसूर था जो अपने ही देश में अपने माता पिता के साथ शांतिमय जीवन बिता रहे थे पढ़ रहे थे हंसता खेलता परिवार था कोई कहीं बिखर गया कोई कहीं बिखर गया ।तस्वीरें बहुत ही भी भीवत्स हैं मानवता के नाम पर यह लोग शायद कलंक हैं।

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