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बिरसा मुंडा जयंती विशेष: आदिवासी जन-नायक बिरसा मुंडा जयंती की शुभकामनाएँ!

बिरसा_मुंडा_जयंती

पाठकों के लेख रेणु शर्मा स्वतन्त्र लेखक  पत्रकार

रेणु शर्मा स्वतंत्र लेखक पत्रकार

#बिरसा_मुंडा_जयंती.. 🏹

आजकल की जेनरेशन चे ग्वेरा को जानती है, लेकिन अपने ही देश के क्रांतिकारी जननायक #बिरसा_मुंडा को नहीं..अंग्रेज़ों के खिलाफ पूरे आदिवासी समुदाय को इन्होंने एक किया और नाक में दम कर दिया अंग्रेज़ सरकार की..

‘बिरसा’ सही मायनों में पहली आवाज़ थे जो पूँजीवादी व्यवस्था के ख़िलाफ़ उठी, और अपने जल-जंगल-ज़मीन को बचाने के लिए पूरे समुदाय को एक किया..आज जंगलों में बाव जो भी मूल-निवासी अपने जंगलों को पूँजीपतियों से बचाने के लिए संघर्षरत हैं वो ‘बिरसा-मुंडा’ की आवाज़ का ही प्रतिनिधित्व करते हैं..

सरकारें कोई भी हों, चाहे अंग्रेज़ या कोई और; पूंजीपतियों को जंगलों को काटने और वहाँ की प्राकृतिक संपदा के दोहन का अधिकार देना आज भी बहुत बड़ा मुद्दा है..झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा जैसे राज्यों के मूल-निवासी आज भी परेशान हैं और अपने जल-जंगल-ज़मीन को खोते जा रहे हैं जिस पर उन्हीं का सबसे पहला हक़ है..

इन्हीं मूल-निवासियों ने इन जंगलों और यहाँ की हर चीज़ और जीव को पूजनीय माना, और जान पे खेलकर भी इनकी रक्षा की..लेकिन दुःखद ये है कि सरकारें आज भी पूँजीपतियों के हाथों की कठपुतली बन कर जंगलों को लीज़ पर दे देती हैं, और ये पूंजीपति जंगलों को काटकर खोद डालते हैं..

बिरसा-मुंडा आज इसलिए भी प्रासंगिक हैं, कि कल जो लड़ाई उन्होंने जंगलों और देश को बचाने के लिए लड़ी थी, वही आज के मूल-निवासी अपने ही घरों और प्रकृति को बचाने के लिए पूँजीपतियों और पूँजीपतियों के लिए बनी सरकार से लड़ रहे हैं..

बस समझना जरूरी है, कि जो बिरसा-मुंडा की आवाज़ थी वो ज़िंदा रहे, और सही मायनों में समझी जा सके..उनकी जयंती पर नमन महान जननायक को, जिहोंने अपनी आवाज़ से सभी मूल-निवासियों को एक किया और उनके संघर्ष की प्रेरणा बने. ⚒️

आदिवासी जन-नायक बिरसा मुंडा जयंती की शुभकामनाएँ!

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