*शख्सियत :-मिलिए: Officer in demand Manoj Kumar project officer* lahul spiti
शख्सियत मिलिए:- #Officer in #demand Manoj Kumar project officer लाहुल स्पीति (HAS)
बी के सूद मुख्य संपादक
मनोज कुमार जो कि वर्तमान में HAS के पद पर बतौर प्रोजेक्ट ऑफिसर लाहुल स्पीति में तैनात हैं ,मूल रूप से गांव sanyardhi तहसील व जिला मंडी हिमाचल प्रदेश से संबंध रखते हैं, जिनका जन्म 1967 में हुआ था तथा प्रारंभिक शिक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल गोहर से और माध्यमिक शिक्षा गवर्नमेंट माध्यमिक स्कूल साहल एवं हाई स्कूल की शिक्षा गवर्नमेंट हाई स्कूल द्रंग जिला मंडी से हुई।
कॉलेज की पढ़ाई गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज मंडी से कला विषय में स्नातक और हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की।
मनोज कुमार ने पूर्व में 1988 से क्लर्क के रूप में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में कार्य किया। तत्पश्चात एस एस गुलेरिया भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं श्री सतीश शर्मा ज्वाइंट कमिश्नर कराधान विभाग के सहयोग और आशीर्वाद से 1998 में नायब तहसीलदार के रूप कार्यभार सम्भाला ,तथा चंबा और पालमपुर में लगभग 15 साल कार्य करने के बाद 2011 में तहसीलदार पद पर पदोन्नत हुए। और लड़भड़ोल, धर्मशाला चंबा पालमपुर मंडी कोटली नगरोटा बगवां और पधर में अपनी सेवाएं दी।
वर्ष 2020 में DRO के पद पर पदोन्नति पाई और कुल्लू में अपनी सेवाएं दी।।
तत्पश्चात 2021 दिसंबर में HAS कैडर में शामिल हुए और आजकल लाहौल स्पीति क्षेत्र के केलांग में कार्यरत हैं।
मनोज कुमार अपनी इस कामयाबी के लिए अपने माता पिता भाई बहन धर्मपत्नी कृष्णा देवी तथा मार्गदर्शक एसएस गुलेरिया एवं सतीश शर्मा को मानते हैं। वर्तमान में इनका एक पुत्र और एक पुत्री है, पुत्र केनरा बैंक में PO के रूप मे कार्यरत है, जबकि पुत्री फार्मेसी में मास्टरस की डिग्री कर रही है।
मनोज कुमार जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं और जीवन के हर एक रंग को पहचानते हैं। अपने शुरुआती दिनों में इन्होंने वह हर कार्य किया जो जीवन में एक अनुभव सिखाता है।
जीवन के कटु अनुभवों से इन्होंने बहुत कुछ सीखा है तथा सामान्य परिवार के परिवेश से आने तथा परिवार के सीमित संसाधनों के के कारण इन्होंने प्राइवेट जॉब शुरू की ,परंतु हिम्मत नहीं हारी और प्राइवेट जॉब के साथ-साथ इन्होने सायंकालीन कॉलेज से से अपनी पढाई जारी रखी । जीवन की कमियों ने कई बार इनकी राह को रोकने की कोशिश की लेकिन अपने दृढ़ निश्चय तथा लक्ष्य को सामने रखते हुए इन्होंने कभी हार नहीं मानी और दिन रात एक कर के मेहनत की ,तथा आगे बढ़ते गए। जीवन में संघर्ष तथा कठिनाइयों के बावजूद भी इन्होंने अपने माता पिता तथा बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद को प्राप्त करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया तथा उनकी सेवा में हमेशा हाजिर रहे। वह अपनी इस कामयाबी में अपने गुरुजनों का विशेष रूप से आशीर्वाद मानते हैं क्योंकि उनके मार्गदर्शन से ही वह आज इस काबिल बने हैं
इस दौरान इन्होंने चार बार कमीशन में viva voce में शामिल हुए ,जिसमें दो बार हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा तथा दो बार अधिनस्थ सेवा चयन बोर्ड के अधीन interview में शामिल हुए।
मनोज कुमार ने अपने सेवाकाल में जिन स्थानों पर अपनी बेहतरीन सेवाएं लोगों को प्रदान की उनमें चंबा में 8 साल, पालमपुर में 7 साल ,नगरोटा में ढाई साल ,कुल्लू में डेढ़ साल ,मंडी में 3 साल ,धर्मशाला में 1 साल,तथा लड़भड़ोल में डेढ़ साल लोगों को अपनी सेवाएं दी। मंडी टेन्योर के दौरान इनके पास एडिशनल तहसीलदार मंडी सदर, के चार्ज के साथ साथ ,तहसीलदार कोटली का DRO मंडी ,LAOपीडब्ल्यूडी तथा LAO Electricity Board बोर्ड तथा तहसीलदार रिकवरी भी रहे।
यह जहां पर भी रहे इन्होंने अपनी कार्यशैली से लोगों को प्रभावित किया। तथा हमेशा सरकार और लोगों के बीच एक कड़ी के रूप में काम किया, जिससे सरकार की नीतियों का क्रियान्वयन भी सही ढंग से हो सके और लोगों की समस्याओं का हल भी उन्हें तत्वरित रूप से मिल सके।
सरकार के वही अधिकारी सफल होते हैं जो सरकार तथा जनता के बीच में समन्वय कायम कर सके और जनता और सरकार के बीच की दूरी को कम कर सके, तथा लोगों की समस्याओं का समाधान बिना किसी भेदभाव के ,बिना नियमों को तोड़े मरोड़े , जनता के हित मे काम करें। यही इनकी विशेषता है।
इसीलिए लोग इन्हें “ऑफिसर इन डिमांड ” (today officer in demand ) के रूप में जानते हैं।
एडिटेड बाय रेनू शर्मा सब एडिटर

