Editorial

*Editorial:- हिमाचल में बसों और बिजली की सब्सिडी पर हंगामा क्यों बरपा है*

*Editorial:- हिमाचल में बसों और बिजली की सब्सिडी पर हंगामा क्यों बरपा है*

#bksood
HRTC में जय राम सरकार द्वारा महिलाओं को सब्सिडी दी जा रही है इस पर बहुत बहस चल रही है लोग कह रहे हैं सीमेंट पर सब्सिडी क्यों नहीं दे रहे हो?
जबकि वास्तविकता यह है कि HRTC या बसों में केवल आज के दिन में (गरीब) वे लोग ही सफर करते हैं जो गरीब हैं या जिन्हें गाड़ी चलानी नही आती या कोई और साधन नही है ,वरना लोग अपनी कारों या बाइक्स में चलते हैं तो गरीबों को सब्सिडी देना बुरी बात नहीं है और इसमें
लोग कुतर्क ये भी दे रहे हैं कि बिजली हर गरीब घर में हर रोज जलती है तो बिजली की सब्सिडी भी सही है । गरीबों को सीमेंट की जरूरत बहुत कम पड़ती है और कई बार तो जीवन में एक या दो बार जबकि बिजली हर रोज चाहिए होती है । आमतौर पर सीमेंट साल में या 2 साल में एक बार खरीदना होता है ।और जो बड़ी-बड़ी कोठियां बना रहे है बंगले बना रही हैं उन्हें सीमेंट पर सब्सिडी की क्या जरूरत है? क्योंकि सीमेंट से पेट नहीं भरता। और यह आवश्यक वस्तु नहीं है,। जब कि बस में लोग तभी सफर करते हैं जब उन्हें हॉस्पिटल जाना हो सामान खरीदने जाना है या किसी जरूरी काम से जाना होता है।
सरकार को चाहिए कि जरूरत वालों को ही सब्सिडी दे जो इनकम टैक्स पे करते हैं उन्हें किस बात की सब्सिडी जो 30 या 35 लाख की गाड़ी खरीद सकते हैं क्या वह पेट्रोल या डीजल नहीं खरीद सकते ?फिर उन्हें पेट्रोल डीजल पर क्यों सब्सिडी दी जाए सब्सिडी दी जाए तो केवल दो पहिया वाहनों को ।
हां अगर सीमेंट के रेट अधिक हैं तो सरकार को उस पर नियंत्रण करना चाहिए हमें यह मांग करनी चाहिए कि सरकार सीमेंट के रेट को तर्कसंगत बनाएं अब इस बात में भी हैरानी नहीं होगी कि कल को लोग फॉर्च्यूनर या बीएमडब्ल्यू पर भी सब्सिडी मांगना शुरू कर दें।
सरकार के सही कार्य को सही और गलत को गलत ही कहना चाहिए ना कि किसी चश्मे को पहनकर सरकार की नीतियों का अवलोकन होना चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button