*हिंसा_छोड़_वार्ता_करें_प्रदर्शनकारी* पाठकों के लेखक लेखक महेंद्र नाथ सोफ़त पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश*

20 जून 2022– (#हिंसा_छोड़_वार्ता_करें_प्रदर्शनकारी)–

अग्निपथ योजना को लेकर लगातार हिंसक प्रदर्शन जारी है। इस प्रकार के विरोध को हल्के से नहीं लिया जा सकता। इस सारे प्रकरण की विवेचना के बाद एक बात ध्यान मे आई है कि दो साल पूर्व जिन नौजवानों ने फौज की भर्ती प्रक्रिया मे हिस्सा लेते हुए शारीरिक टेस्ट क्लियर कर लिया था और वह अपनी भर्ती के लिए आश्वस्त थे को यह जानकर अति निराशा हुई कि उस प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। इसके चलते नौजवानों मे जबरदस्त आक्रोश है। मेरे विचार मे यदि यह जानकारी सही है तो उस पर सरकार को पुनर्विचार कर उस शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। हिंसा किसी समस्या का हल नहीं हो सकता है। संवाद और वार्ता से ही हल निकलेगा। सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध को देखते हुए अपने आप से एक तरफा घोषणाएं की है। अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय की नौकरियों, सीएपीएफ और असम राइफल्स मे 10% आरक्षण सरकार करने जा रही। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय के 16 पीएसयू मे भी आरक्षण मिलेगा। अधिकांश राज्य सरकारें पुलिस और होमगार्ड मे अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कर रही है। अग्निवीरों को नौकरी पाने के लिए आयु मे छूट की भी घोषणा की गई है।
मेरे विचार मे प्रदर्शनकारी हिंसा का रास्ता छोड़कर वार्ता करें, क्योंकि विरोध का तरीका सही नहीं है। अग्निपथ योजना के विरोध को लेकर भड़की आग सब कुछ खाक कर डालना चाहती है। इन प्रदर्शनकारियों को समझना चाहिए जिस राष्ट्र की सेवा और रक्षा करने के लिए वह फौज मे भर्ती होना चाहते है आप उसी राष्ट्र की सम्पति को जला रहे हो। गांधी के देश मे यह सब मान्य नहीं हो सकता। स्मरण रहे ” पटरियों पर रेल चलती अच्छी लगती है, पटरियों पर रेल जलती अच्छी नहीं लगती”। इस योजना के पक्षधरों के इस तर्क मे कुछ तो दम है कि सेना के अधिकारी बहुत समय से शार्ट सर्विस के अंतर्गत केवल पांच वर्ष की सेवा दे रहे है तो यह सेवा सैनिकों लिए खराब कैसे हो सकती है जबकि विरोध करने वालों का कहना है कि इस योजना के चलते स्थाई भर्ती की जगह संविदा के तौर पर भर्ती होगी जो नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड होगा। पक्ष और विपक्ष मे दर्जनों तर्क है। इसका समाधान केवल वार्ता से ही निकलेगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।
लेखक Mahendra Nath sofat पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश