*शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा कॉलेज पालमपुर के कैरियर गाइडेंस सेल तथा फिलीपींस मंडानाआओ स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ सूलू के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला की हुई शुरुआत*


*शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा कॉलेज पालमपुर के कैरियर गाइडेंस सेल तथा फिलीपींस मंडानाआओ स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ सूलू के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला की हुई शुरुआत*

शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर में आज दिनांक 19 मार्च को संस्थान के कैरियर गाइडेंस सेल और अंतर्राष्ट्रीय रिपब्लिक आफ दी फिलीपींस मंडानाआओ स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ सूलू के संयुक्त तत्वावधान से सात दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कैरियर विकास में संप्रेषण सि्कल की भूमिका विषय पर केंद्रित यह कार्यशाला 19 मार्च से 25 मार्च तक चलेगी। इस कार्यशाला में क्रोशिया ,अल्बानिया, टोगो, नाइजीरिया ,कारमेलेट आइलैंड, मिस्र, सीरिया ,फिलिपींस ,घाना, तुर्की, पाकिस्तान और बांग्लादेश इत्यादि उन्नीस देश के पचास प्रतिभागी तथा भारत के अलग-अलग राज्यों से लगभग तीन सौ पन्द्रह प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। प्रथम पांच दिन वक्तव्य होंगे। 24 तारीख को फीडबैक सत्र होगा और 25 तारीख को प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे। कार्यशाला के मुख्यातिथि और चीफ पैटर्न प्राचार्य डॉ अनिल आजाद रहे । कार्यशाला की संयोजिका और आयोजन सचिव डॉ शैलजा वासुदेवा और सूलू यूनिवर्सिटी से डॉ मेघना ने आनलाइन मोड पर जुड़े समस्त आमंत्रित वक्ताओं, प्रतिभागियों,सभागार में उपस्थित प्राचार्य महोदय तथा अन्य समस्त श्रोताओं का अभिनन्दन करते हुए कार्यशाला को करवाने और वर्तमान संदर्भ में चयनित विषय के औचित्य को स्पष्ट किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ आजाद ने कहा कि किसी भी शिक्षा संस्थान के शैक्षणिक पड़ावों में ऐसी विद्वतापूर्ण सभाएं अति महत्वपूर्ण पड़ाव होती है जहा से परस्पर संवाद के माध्यम से बहुत कुछ जानने,समझने और सीखने का सुवसर प्राप्त होता है।पैटर्न की भूमिका में मिदनाआओ स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ नागेदर जे अब्दुर रहमान ने सर्वप्रथम डॉ आजा़द ,डॉ शैलजा तथा महाविद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहना करते हुए कार्यक्रम के संयुक्त समायोजन करने हेतु धन्यवाद किया । उन्होंने कार्यशाला के मुख्य विषय की प्रासंगिकता समझाते हुए पांच दिनों तक इसके सफलतापूर्वक संचालन हेतु शुभकामनाएं दी। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञ अंग्रेजी विभाग फैकेल्टी आफ फॉरेन लैंग्वेज,टिराना अल्बानिया से डॉ रोज़ना बेला ने “मास्टरी दी आर्ट ऑफ ट्रांसलेशन..दी की सि्कल फार इफैक्टिव कम्युनिकेशन एक्रॉस” विषय पर बात करते हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में अनुवाद के मायने , वैश्विक स्तर पर इसकी आवश्यकता और बढ़ते फैलाव की ओर ध्यानाकर्षण किया। डॉ आजाद ने इस वक्तव्य पर आलोचनात्मक टिप्पणी प्रस्तुत की। दूसरे सत्र में के. एल यूनिवर्सिटी हैदराबाद से डॉ तनुश्री सरकार ने पब्लिक स्पीकिंग.. हाऊ टू ओवरकम योर फीट एंड केप्टिवेट योर ऑडियंस विषय पर वक्तव्य दिया। उन्होंने सहज और सरल भाषा शैली में प्रभावी ढंग से जन संवाद कैसे कर सकते हैं ,इसका स्वरूप प्रकाशित करते हुए संवाद कला की विभिन्न तकनीकों को भी बताया। परस्पर संप्रेषण के मार्ग में आने वाली समस्याओं को हम कैसे दूर कर सकते हैं ,इसके उपाय भी मुख्य वक्ता ने सुझाए। विशिष्ट वक्ताओं के रूप में टिराना यूनिवर्सिटी, अल्बानिया की डॉ स्परेशा डेलिजा तथा मेट्रोपोलियन यूनिवर्सिटी, सर्बिया के प्रो डॉ जेलेना बोस्केविक ने मेधापूर्ण संभाषणों से अपनी सजीव उपस्थिति दर्ज करवाई।धन्यवाद प्रस्ताव कार्यशाला के सह समन्वयक डॉ दिवाकर ने रखा। मंच संचालन सह समन्वयक डॉ मीनाक्षी ठाकुर ने किया। कार्यक्रम में समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।कुल मिलाकर कार्यशाला का प्रथम दिन ज्ञानवर्धक मौलिक धारणाओं से भरपूर रहा। देशीय और पाश्चात्य देशों के बहुविध शिक्षाविदो् का एक मंच पर आना और सशक्त प्रस्तुतियां देना संस्थान के लिए उपयोगी और विलक्षण अनुभव रहा।