*काॅलेजियम_बारे_कानून_मंत्री_की_टिप्पणी_से_सुप्रीम_कोर्ट_नाराज* *लेखक :महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
30 नवम्बर 2022– (#काॅलेजियम_बारे_कानून_मंत्री_की_टिप्पणी_से_सुप्रीम_कोर्ट_नाराज)–
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जजों की नियुक्ति की काॅलेजियम प्रणाली पर कानून मंत्री की हालिया टिप्पणी पर नाराजगी जताई है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओक ने कहा कि बड़े पद पर बैठे शख्स को ऐसा ब्यान नहीं देना चाहिए। कानून मंत्री रिजिजू ने कहा था कि काॅलिजियम यह नहीं कह सकता कि सरकार उसकी तरफ से भेजा हर नाम तुरंत मंजूर करें अन्यथा उन्हे खुद नियुक्ति कर लेनी चाहिए। मैने बिना अपनी ओर से कोई टिप्पणी किए दोनो ओर की टिप्पणियां पाठकों के अवलोकन हेतु प्रस्तुत की है, लेकिन इस टकराव की पृष्ठभूमि को समझना भी अति जरूरी है। असल मे वर्तमान सरकार वर्षों से लागू जजों की नियुक्ति के लिए काॅलिजियम सिस्टम को खत्म करना चाहती थी। इसके लिए सरकार 2014 मे 99वां संशोधन लेकर आई थी। इस सशोधन के माध्यम से कॉलेजियम का स्थान एन.जे.ए.सी ने लेना था, लेकिन शीर्ष अदालत ने 2015 मे अपने फैसले द्वारा एन जे ए सी अधिनियम और संविधान (99वां संशोधन) अधिनियम, 2014 को रद्द कर दिया था। जिससे शीर्ष अदालत मे न्यायाधीशों की नियुक्ति वाले मौजूदा न्यायाधीशों की कॉलेजियम प्रणाली बहाल हो गई थी। जानकार और सुप्रीम कोर्ट इस पृष्ठभूमी को सरकार की ओर से लगातार कॉलेजियम की सिफारिशों को लटकाए जाने का कारण मानते है।
स्मरण रहे तीन सदस्यीय पीठ ने सरकार के लिए कॉलेजियम की सिफारिशों को मानने के लिए चार माह की अधिकतम समय सीमा तय कर रखी है, लेकिन अधिकांश सिफारिशें इस समय सीमा मे अनुमोदित नहीं की जा सकी है। इसी बीच हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति के लिए शीर्ष कोर्ट द्वारा भेजी गई 20 फाइलों को सरकार द्वारा कोर्ट को पुनर्विचार हेतू लौटा दिया गया है। हालांकि जब कोर्ट द्वारा 99वां संशोधन रद्द किया गया था सरकार उसे संसद के सहारे विधेयक पारित कर अप्रभावी बना सकती थी लेकिन उस समय सरकार ने यह विकल्प नहीं चुना था। अब सरकार और कोर्ट के इस मनमुटाव से सारी न्यायिक प्रणाली को क्षति हो सकती है और इसका समाधान जरूरी है। इस समाधान मे देश के एटॉर्नी जनरल और सालिसिटर जनरल कारगर भूमिका अदा कर सकते है। अच्छी खबर है कि दोनो ने अदालत को समाधान करने मे अपनी भूमिका निभाने का आश्वासन दिया है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।