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*मंत्रियों_को_मिले_विभाग_परन्तु_सरकार_के_पास_नहीं_वेतन_देने_के_लिए_पैसे*

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13 जनवरी 2023- (#मंत्रियों_को_मिले_विभाग_परन्तु_सरकार_के_पास_नहीं_वेतन_देने_के_लिए_पैसे)-

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चार दिन की प्रतिक्षा के बाद मंत्रियों मे विभाग विभाजित कर दिए गए है। नई सरकार के हर काम मे देरी हो रही है। ऐसा लगता है कांग्रेस विधायक दल के भीतर सब कुछ सुखद नहीं है। मेरी समझ मे हर बात के लिए दबाव बनाया जा रहा है। सोशल नेटवर्किंग की जानकारी को सही माना जाए तो विभाग आबंटन को लेकर भी अनिर्णय की स्थिति थी। दिन मे स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग के मामलों मे मुख्यमंत्री जी के साथ मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी को अटैच करने का नोटीफिकेशन जारी हुआ था। इसका यह निष्कर्ष निकाला जा रहा था कि स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री जी अपने पास रखने का निर्णय ले चुके है, लेकिन लगभग चार घंटे बाद ही निर्णय और निष्कर्ष दोनों बदल गये। यह दोनों विभाग डॉ॰ धनीराम शांडिल और विक्रमादित्य मे विभाजित कर दिए गए। मंत्रालय विभाजन का अवलोकन करने के बाद यह निष्कर्ष निकलता है कि इसमे मुख्यमंत्री जी के विवेक से कहीं अधिक दिल्ली की हाईकमान की चली है।

खैर अब मंत्रीमंडल की पहली बैठक में होने वाले निर्णयों का इतंजार हो रहा है क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव अभियान के समय मंत्रीमंडल की पहली बैठक मे ओ.पी.एस लागू करने और महिलाओं को 1500 रूपए हर माह भत्ता देने के निर्णय करने की घोषणा कर रखी है। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन ने कहा की सरकार का खजाना खाली है। सरकार के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। उन्होने स्थिति को और साफ करते हुए बताया है कि सरकार के पास रोजमर्रा के सरकारी खर्च के लिए भी पैसे नहीं है। सरकार के उपर 75000 करोड़ का कर्ज है। वेतन देने के लिए कर्ज उठाना होगा। मेरी समझ मे हर्ष वर्धन कोई नई बात नहीं कर रहे है। हिमाचल की कमजोर आर्थिक स्थिति सर्वविदित है। फिर हर्षवर्धन तो हिमाचल के वरिष्ठ विधायकों मे से एक है। उन्हे तो पहले से सारी आर्थिक स्थिति का ज्ञान होगा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सब कुछ जानने के बावजूद भारी भरकम वायदे हिमाचल के मतदाताओं से किए है। अब जब पूरे करने का समय आया तो आर्थिक संकट की बात हो रही है। इसी आर्थिक संकट का बहाना कर तीन रूपए प्रति लीटर डीजल पर वैट बढ़ा दिया गया है। जिस मंहगाई का विरोध कर के आप सत्ता मे आए हो उसी महंगाई को आपने दावत दी है। खैर अब आपकी कैबिनेट की पहली बैठक मे क्या निर्णय होते है उसका सब को इतंजार है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

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