*पालमपुर सुभाष चौक सैनिक रेस्ट हाउस की तरफ जाने वाली सड़क पिछले कई वर्षों से बना है खड्डा कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना*
*पालमपुर सुभाष चौक सैनिक रेस्ट हाउस की तरफ जाने वाली सड़क पिछले कई वर्षों से बना है खड्डा कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना*
ना तो यह किसी फील्ड स्टाफ के लिए और ना ही किसी je लिए कोई बहुत बड़ा काम है ।परंतु फील्ड में जाने का क्या फायदा ?क्योंकि दफ्तर में बहुत ज्यादा आराम है और फील्ड में बहुत ज्यादा काम है। फील्ड में क्या हो रहा है यह किसी को चिंता नहीं ।
सड़क के बीचो-बीच नाली पर लगाई गई है जाली काफी धंस चुकी है और इसमें कभी भी कोई हादसा हो सकता है ।ऐसा नहीं कि किसी की जान ही चली जाएगी लेकिन किसी की टांग अवश्य टूट जाएगी और वह जीवन भर के लिए अपंग हो सकता है ।
हैरानी की बात यह है कि अभी दो-चार दिन पहले ही इसको रिपेयर किया गया है इसका मतलब विभाग को इसके बारे में पता है कि यहां पर बहुत बड़ा पॉटहोल बना हुआ है। परंतु जब किसी की टांग टूटेगी उसके बाद ही इसे ठीक किया जाएगा। इसे ठीक करने के लिए अधिक से अधिक 2 घंटे लगेंगे परंतु अगर किसी की टांग टूट गई या कोई स्कूटी वाला इसमें फिसल गया तो उसका तो पूरा जीवन ही खराब हो जाएगा ।परंतु लोगों के बारे में सोचें कौन?
आसपास के दुकानदारों ने कई बार इस खतरनाक जगह को संबंधित लोगों के संज्ञान में लाया परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई …और यह व्यस्ततम रोड है इस जाली को ऊपर रोड लेवल पर उठाकर लगा दिया जाए तो बड़े हादसे से बचा जा सकता है.. शायद इनकी समझ में आ जाए..
इसी सोमवार यानी 30 जनवरी को शाम को 7:00 बजे के करीब 1 लड़की यहां से सैनिक रेस्ट हाउस की तरफ जा रही थी पीछे से किसी कार वाले ने जोर से हौरन बजाया और वह लड़की स्कूटी पर एकदम घबरा गयीं और झटके से सैनिक रेस्ट हाउस रोड की तरफ मुड़ी तथा जाली वाले गड्ढे में जा गिरी। लड़की होशियार थी वह घबराई नहीं इसलिए वह बच गई ।शायद उसके हाथ में मोच आई होगी। उसकी स्कूटी को उठाकर साइड में किया गया वह लड़की स्कूटी पर बैठ कर चली गई ।लेकिन सोचिए अगर कोई अनजान महिला होती या कोई सीनियर सिटीजन होता जो स्कूटी पर होता या पैदल होता तो गाड़ी के होरन से एकदम घबराकर वह इस बड़े से गड्ढे में गिर जाता और उसका पांव बीच में फंस जाता था उसकी टांग टूट सकती थी और वह जीवन भर के लिए अपंग हो सकता था ।
यह ऐसा कार्य नहीं है जिसके लिए बजट की जरूरत है 2 घंटे में सब कुछ ठीक हो सकता है परंतु इच्छाशक्ति होने की भी जरूरत होती है तुम लोगों की सुविधा के लिए यह छोटे-छोटे कार्य नहीं करवा सकते तो फिर बड़े कार्य क्या होगे।