*देश_के_सड़क_परिवहन_मंत्री_नितिन_गड़करी_का_बड़ा_दावा* *महेंद्र नाथ सोफत*
03 फरवरी 2023- (#देश_के_सड़क_परिवहन_मंत्री_नितिन_गड़करी_का_बड़ा_दावा।)-
केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी की छवि एक योग्य और काम करने वाले मंत्री की है। वह देश के ऐसे मंत्री है जिनकी विरोधी भी प्रशंसा करते है। वह अपने विभाग के लिए ऊंचे लक्ष्य रखते है और फिर उनको हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करते है। अब उनके बिजली वाहनों को लेकर चौंकाने वाले ब्यान आ रहे है। वह आने वाले पांच वर्षों मे पैट्रोल पंप कारोबार के बंद हो जाने के साथ यह दावा कर रहे है कि उनका लक्ष्य है कि 2030 तक देश मे 100 फीसदी बिजली वाहनों का इस्तेमाल हो। उनका यह दावा नीति आयोग के 2018 के इस अध्ययन से मेल खाता है कि 2030 तक बिजली वाहनों के इस्तेमाल के चलते डीजल और पेट्रोल के खर्च मे 60 अरब डॉलर तक की बचत की जा सकती है। मै इन दोनो दावों को चुनौती नहीं दे सकता हूँ।
भविष्य मे आज नहीं तो कल दुनियाभर मे बिजली वाहनों का प्रयोग होगा यह सच्चाई है और होना भी चाहिए, लेकिन मुझे 2030 की समय सीमा निश्चित तौर पर अव्यवहारिक लगती है। आप देख रहे है कि हर रोज नई-नई पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाडियां लॉन्च हो रही है। हर मोड पर नये पेट्रोल पंप सरकारी कंपनीज लगा रही है। मेरी समझ मे यदि यह दृष्टिकोण और लक्ष्य केवल सड़क परिवहन मंत्री का है फिर तो अलग बात है और यदि यह योजना सारी सरकार की है तो इस योजना का एक दृष्टिपत्र बनना चाहिए। उस दृष्टिपत्र को मंत्रीमंडल की बैठक मे आना चाहिए और मंत्रीमंडल द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए। सभी मंत्रालयों के सूचनार्थ भेजा जाना चाहिए। फिर उद्योग विभाग को नई पेट्रोल और डीजल की गाडियों के निर्माण को निरूत्साहित करना चाहिए। इसी प्रकार पेट्रोलियम मंत्रालय को नये पेट्रोल पंप लगाने बंद कर उनके स्थान पर इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। नितिन गड़करी की इस सीमा समय के कारण आटो उद्योग के मालिकों का चिंतित होना स्वभाविक है, जबकि मेरे विचार मे उन्हे सरकार को अपनी इस योजना मे शामिल करना चाहिए। ताकि वह भी समय रहते स्विच ओवर कर सकें।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।