*अडानी_मामले_मे_एक्सपर्ट_कमेटी_बनाने_को_केंद्र_तैयार*
15 फरवरी 2023- (#अडानी_मामले_मे_एक्सपर्ट_कमेटी_बनाने_को_केंद्र_तैयार)-
मै शेयर बाजार का जानकार नहीं हूँ, लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयर गिरने पर होने वाली मीडिया बहस ने मेरे ध्यान को इस प्रकरण की ओर आकर्षित किया है। जब यह सारा प्रकरण चल रहा था तो मै उन दिनो मुम्बई मे था और मुझे शेयर बाजार के जानकार ही नहीं अपितु जो बाजार के विशेषज्ञ माने जाते उनसे बात करने का अवसर प्राप्त हुआ। हालांकि इस सारे मामले की तकनीकी पेचीदगियों को समझना मेरे बस की बात नहीं थी, लेकिन उनसे बातचीत के बाद मुझे यह समझ आया कि शेयर बाजार मे शेयरों को कृत्रिम तौर पर बढ़ाया या घटाया जा सकता है। शेयर बाजार के जानकारों का मानना था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को दरकिनार नहीं किया जा सकता और निश्चित तौर पर अडानी की व्यवसायिक विश्वसनीयता सन्देह के घेरे मे आ गई है और इससे निवेशकों का बड़ा नुकसान हुआ है और आगे भी हो सकता है। उधर अडानी- हिंडनबर्ग मामले मे जमकर राजनीति हो रही है। विपक्ष अडानी को सरकार का नजदीकी आदमी बता कर सरकार को घेर रहा है। इसी बीच दो जनहित याचिकाओं का निपटान करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के हितों को ध्यान मे रखते हुए शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने का सुझाव दिया था।
सोमवार को केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया है कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे मे समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है। स्मरण रहे दो याचिकाओं मे निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अडानी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी मुद्दा उठाया गया है। कोर्ट ने इन जनहित याचिकाओं को सुनवाई के लिए शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया है। मेरे विचार मे यह ठीक दिशा मे अच्छी पहल है। हालांकि इसकी सफलता के बारे अभी कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। जब समिति के सदस्यो के नाम और कार्यक्षेत्र को सार्वजनिक किया जाएगा तब इसकी उपयोगिता का अंदाजा लगया जा सकेगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।