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*Editorial :संसद_मे_राहुल_के_माफीनामे_को_लेकर_हंगामा महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*

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*Editorial :संसद_मे_राहुल_के_माफीनामे_को_लेकर_हंगामा

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18 मार्च 2023- (#संसद_मे_राहुल_के_माफीनामे_को_लेकर_हंगामा) –

पिछले दिनो संसद मे लगातार राहुल गांधी के माफीनामे को लेकर हंगामा होता रहा और कार्यवाई स्थगित होती रही। दूसरी ओर विपक्ष भी अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए सयुंक्त संसदीय समिति के गठन की मांग को लेकर दोनो सदनों मे हंगामा कर रहा है। संविधान निर्माताओं ने संसद मे विचार-विमर्श, वाद-विवाद, मुद्दों पर स्वस्थ बहस की कल्पना कर इसकी रचना की थी। मेरे विचार मे उन्होने हंगामे की कल्पना कदाचित नहीं की होगी। अब कहीं ताले जंजीर के साथ प्रदर्शन हो रहा है और कहीं मानव श्रृंखला बना कर विरोध हो रहा है। मीडिया सुर्खियां बटोरने के लिए नये-नये तरीके खोज निकाले जा रहे है। खैर भाजपा राहुल गांधी द्वारा विदेश मे की गई टिप्पणियों के लिए माफी की मांग कर रही है।

कानून मंत्री रिजिजू ने एक बार फिर कहा है कि राहुल ने देश का अपमान किया है और उनसे माफी की मांग की है। उधर राहुल गांधी कह रहे है कि उन्होने लंदन मे भारत के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। वह संसद मे अपना पक्ष रखना चाहते है। गुरुवार को राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और लंदन के ब्यान पर अपना पक्ष सदन मे रखने के लिए वक्त मांगा। स्पीकर ने उन्हे क्या जबाव दिया इसको लेकर मेरे पास जानकारी उपलब्ध नहीं है परन्तु मेरा व्यक्तिगत विचार है कि स्पीकर को राहुल को अपना पक्ष रखने के लिए समय देना चाहिए। किसी को बिना सुने दोषी मान लेना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। यहां तक हत्या के आरोपी को भी अदालत अपना पक्ष रखने का अवसर प्रदान करती है। राहुल गांधी सदन के वरिष्ठ सदस्य है। वह मुख्य विपक्षी दल के पूर्व अध्यक्ष है। यदि स्पीकर उन्हे अपना पक्ष रखने का समय नहीं देते है तो निश्चित तौर पर उनकी बतौर स्पीकर निष्पक्षता पर प्रश्न खड़े हो सकते है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

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