*अरविंद_केजरीवाल_चतुर_राजनेता_है*
31 मार्च 2023- (#अरविंद_केजरीवाल_चतुर_राजनेता_है)-
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एक चतुर राजनेता है। वह सत्ता का भरपूर आनंद ले रहे है। कहा जाता है कि दिल्ली की सरकार मे उनके बिना पत्ता भी नहीं हिलता है और पंजाब की सरकार भी उन्ही के निर्देशन मे काम करती है। वह देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिनके अपने पास कोई मंत्रालय नहीं है। उन्हे किसी फाइल पर औपचारिक हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं है। इसलिए उनके ऊपर कोई जिम्मेदारी भी नहीं है। आज शराब नीति के चलते दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री जेल मे बंद है। ऐसा संभव नहीं लगता कि मनीष सिसौदिया ने बिना केजरीवाल के शराब नीति का निर्माण किया होगा। निश्चित तौर पर सब कुछ उनकी सहमति और निर्देशन मे ऐसा हुआ होगा। इससे मिली कथित घूस भी आम आदमी पार्टी के काम आई होगी लेकिन यह केजरीवाल की चतुराई है कि अभी तक जांच एजेंसियां केजरीवाल तक नहीं पहुंच पा रही है। अभी विधानसभा मे अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी पर जबरदस्त हमला बोलते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए है। यहां तक कि उन्होने प्रधानमंत्री जी को अब तक का सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री बता दिया। केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि गौतम अदानी मोदी जी का फ्रंट फेस है जबकि यह सारा व्यापार नरेंद्र मोदी का ही है। इसलिए ऐसी नीतियां बनाई जा रही है जो अदानी को लाभ ही नहीं पहुंचा रही अपितु गौतम अदानी को लूट का अवसर प्रदान कर रही है।
उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विदेशी सरकारों पर दबाव डाल कर अदानी को कॉन्ट्रैक्ट दिला रहे है इसके लिए उन्होने श्रीलंका सरकार का उदहारण भी पेश किया। अरविंद ने मोदी को अनपढ़ भी कहा है, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने चतुराई के साथ यह सब कुछ कहने का स्थान विधान सभा को चुना क्योंकि विधानसभा मे कही हुई बातों के लिए किसी विधायक पर या संसद मे लगाए गए आरोपों के कारण किसी सांसद पर मानहानि का केस दायर नहीं किया जा सकता है। इस चतुर राजनेता कि चतुराई देखो इन्होने इससे पहले भी कांग्रेस, भाजपा और अकाली पार्टी नेताओं पर खूब गंभीर और बिना सबूतों के आरोप लगा दिए थे। जब उन लोगो ने केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के केस दायर किए तो इस माफी वीर ने हर किसी से माफी मांग ली थी। हांलाकि मैने चतुर शब्द का प्रयोग बड़ी सावधानी पूर्वक किया है अन्यथा धूर्त शब्द अधिक उपयुक्त हो सकता था लेकिन मानहानि का मुकदमा भी हो सकता था। इसलिए यह मै पाठकों के विवेक पर छोड़ रहा हूँ और उन्हे चतुर को धूर्त पढ़ने की छूट दे रहा हूँ।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।