*खुला पत्र पदम व्यास ऑस्ट्रेलिया*


दिल्ली में जन्मे पदम व्यास सपुत्र स्वर्गीय श्री सूती प्रकाश व्यास ग्राम सलियाणा तहसील पालमपुर काँगड़ा हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के हित के लिए एक खुला पत्र लिखा है ,जिसमें उन्होंने लिखा है कि उन्होंने अपनी स्नातक की उपाधि दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की ओर ओबेराय स्कूल ऑफ़ होटल मैनज्मेंट से डिप्लोमा लेने के बाद ओबेराय होटेल ओर फ़्लाइट केटेरिंग में कार्यरत रहे। फिर जे. पी. ग्रूप और हयात होटल गल्फ़ एयर कतर में सेवाए दी ।
1987 में हिमाचल टूरिज्म भी इनकी सेवाओं से पीछे ना रहा।
उसके बाद ऑस्ट्रेलिया आने के बाद आज 35 वर्ष के समय में पिछले 11- 12 सालो में हिमाचल के पर्यटन के ऊपर सोशल मीडिया पर काफ़ी कुछ लिखा।
हिमाचल आज भी पर्यटन की सम्भावनाओं को समझ नहीं पा रहा है।
हिमाचल दो तरह का पर्यटन स्थिति में चल रहा है
1. देवभूमि धार्मिक पर्यटन 2.राष्ट्रीय पर्यटक
3. अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक
एंटीना भर के पाठकों को हिमाचल संभालने और उन्हें अच्छी सुविधाएं देने में काफी पीछे रह गया है। अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पाठकों की सुविधा के लिए अच्छी हवाई सेवाएं अच्छे रेल मार्ग बेहतर सड़क मार्ग बिना रुकावट के कनेक्टिविटी तथा पर्यटकों के ठहरने और मनोरंजन तथा एडवेंचर मनोरंजन की पर्याप्त सुविधाएं होना आवश्यक है हिमाचल में हवाई सेवाओं का विस्तार करना बहुत जरूरी है और अधिक एयरपोर्ट बनाने की आवश्यकता है रेल सेवाओं के विस्तार के लिए ब्रॉडगेज लाइन बिछाना जरूरी है कांगड़ा शिमला और मनाली आदि स्थानों के लिए रेल सेवाएं मुहैया कराई जानी चाहिए
अच्छे होटल निजी ओर सरकारी सुरक्षित व्यवस्था विश्वसनीय सेवाए हिमाचल की संस्कृति ओर खानपान इसे बदल सकता हे ओर प्रदेश में ही प्रदेश वसियों ओर युवकों को अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है। लेकिन बोलने में करने में फ़र्क़ आज तक हमें समझ ना पाया या हम समझा नही पाये , हमें कार्यप्रणाली में काफ़ी फ़र्क़ लाना पड़ेगा बड़े पदाधिकारी भी इसी कार्य शेत्र से लेने पड़ेगे जो इस अर्थ समझते हो ।
पर्यटन से जुड़ी काफ़ी बाते पहले भी पुराने नेताओ से भी हुई , आज भी हो रही हे लेकिन कुछ हो रहा हे शायद इस में एसी रूपरेखा नज़र आ रही है कि (मैंने ही किया)
पर ऐसा नहीं है हमें सभी का सोचना हे अपना ही नही। , स्वास्थ्य ओर क़ानून भी पर्यटन से दूर नहीं
हमें पर्यावरण को भी बचाना है और रिटर्न के रोजगार भी बढ़ाने हैं पर्यटन को बढ़ावा भी देना है सुविधाएं भी देनी है पर्यावरण को बचाकर पर्यटन को बढ़ावा देना एक बड़ी चुनौती है लेकिन यह ऐसी नहीं जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिमाचल की आबादी काफी कम है और यहां पर जमीन काफी अधिक है तो यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के संसाधन जुटाए जा सकते हैं जो हिमाचल की तकदीर को बदलने में अहम रोल अदा कर सकता है।
पदम व्यास ऑस्ट्रेलिया
Bahut badhia suggestions hain Aapke pr koyi Amal nhin krta Vyas ji.