धार्मिकShimla/Solan/Sirmour

*परम संत सुरेश जी के चरणों में नमन। आपने 8 जून से 14 जून तकहिमाचल करसोग में श्रीमद भागवतपुराण कथा के सप्ताह के साथ-साथ ABSS के “आनन्दयोग” का रसास्वादन करवाया।*

1 Tct

*परम संत सुरेश जी के चरणों में नमन। आपने 8 जून से 14 जून तकहिमाचल करसोग में श्रीमद भागवतपुराण कथा के सप्ताह के साथ-साथ ABSS के “आनन्दयोग” का रसास्वादन करवाया।*

Tct chief editor

Haridutt Verma

परम संत सुरेश जी के चरणों में नमन। आपने 8 जून से 14 जून तकहिमाचल करसोग में श्रीमद भागवतपुराण कथा के सप्ताह के साथ-साथ ABSS के “आनन्दयोग” का रसास्वादन करवाया। त्रेतायुग में ब्रह्मर्षि अष्टावक्र के अध्यात्मिक दर्शन के रहस्य का और द्वापर के ब्रह्मर्षिशुकदेव जी के ब्रह्मज्ञान के “गूढरहस्य” को हजारों जिज्ञासुओं को समझाया और “अमृत पान” करवाया। ABSS “आनन्दयोग” को सनातन संस्कृति और संस्कारों से समन्वय स्थापित करते हुए अष्टांग योग के “ध्यानयोग” का अभ्यास करवाया और एक नवीन प्रयोग जिज्ञासुओं के कल्याण हेतु करसोग की स्थानीय जनता और भारतवर्ष से पधारे सत्संगियों को “इतिमार्ग” के अनूठे अनुभव करवाए। आपके ब्रह्मज्ञान से प्रभावित होकर अनेकानेक देव और देवताओं ने भी आपके सान्निध्य में इस अध्यात्म के अनुभव ज्ञान की आनंद – गंगा में स्नान किया।

अंत में गुरूभगवान परमसंत यशपाल जी, जिन्होंने इस आत्मज्ञान को सिद्ध कर आप जैसे संत को यह विद्या सौंपी और आपने इस दुर्लभ ज्ञान को देश- विदेश में लाखों साधकों को अनुभूत करवाया, पूज्य महाराज भाईसाहब जी के चरणों में द्रवित हृदय से वंदन करते हुए, आपके श्रीचरणों में प्रणाम । (यतो अभ्युदय निःश्रेयस सिद्धि स धर्म)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button