

जाति व्यवस्था का सच ।भारत आज चंद्रमा पर ज़मीन ख़रीद रहा हैं परंतु अपने देश में जाति प्रथा से जूझ रहा हैं ।हिन्दू हैं हम इस में कोई शक नहीं ।पर किसी ने सोचा हैं हम इस व्यवस्था में किस क़दर जकड़े हुए हैं ।सरकार के प्रयास भी इस को ख़त्म नहीं कर पाये।मेरा ख़ुद का अनुभव ये रहा हैं कि जाति का भेदभाव ब्राह्मण ,राजपूत,महाजन में भी प्रचलित हैं ।इन में भी अपने से नीची जाति में रिश्ता नहीं करते ।शूद्र में भी उच्च जाति वाले निमन जाति में रिश्ता ,खानपान नहीं करते ।फिर किस तरह से हिंदू हैं हम यही कारण हैं कि धर्मांतरण हो रहा हैं भाई भाई हिंदू आपस में लड़ रहे हैं ।जब तक ये जागरूकता नहीं आती हैं हम मानसिक रूप से बीमार रहेगे।मुस्लिम में दो ही जाति हैं।शिया और सूनी ।क्रिश्चनों में जातिभेद नहीं हैं सिख में भी जाति भेदभाव नहीं ।सब से पहले किसी को दोष देने से अच्छा हैं स्वयं के भेदभाव को ख़त्म करो ।स्वयं को पढ़ना सीखो तभी संस्कृति को बचा सकते हैं