*”शोषण” लेखक उमेश बाली*



शोषण
भारत में आर्थिक शोषण एक आम बात है । अगर व्यापार क्षेत्र की बात तो दुकानों में काम करने वाले मजदूरों या अन्य काम करने वालों के लिए कोई नियम कानून ही नही हैं ।12 घंटे काम इसके बाद अगर कोई घर का काम निकल आया तो वहां भी ड्यूटी बजाओ , मजबूरी में बहुत कम तनखः में काम करना पड़ता है कोई ओवर टाइम नही कोई काम घंटे नही । यहां तक की छुट्टी के दिन भी बुलाया जा सकता है । बेरोजगारी की भीड़ में आवाज़ भी नही उठाई जा सकती आवाज उठाओ तो फायर । कोई सामाजिक सुरक्षा नही कोई पेंशन नही कोई मेडिकल नही फिर भी लगे हैं दो जून की रोटी के लिए, इतना ही नही मालिक किसी भी काम के लिए कह सकते हैं । कोई पूछ नही कोई ईपीएफ नही । लेबर अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है लिखित मे किसी में शिकायत करने की किसी मे हिम्मत नही । कुछ एसा ही मंजर कहीं कहीं कही बड़े प्रतिष्ठानों में भी है जिन्हे हम कारपोरेट सेक्टर कहते हैं । निजी स्कूलो में वेतन बैक में डाल दिया जाता है सरकारी निर्देशों के अनुसार फिर अध्यापकों को एक निश्चित रकम निकाल कर वापिस करने को कहा जाता है , कोई चूं तक करते की हिम्मत किसी में नहीं है । उधर सरकारें भी कम नही आउट सोर्स कर्मचारी वर्ग का शोषण सामने है, जिन लोगो के सात सात साल बहुत कम वेतन पर रखा जाता है उन्हे कई बात सात सात काम करते हुए हो जाते हैं तो निकाल कर और रख लिए जाते हैं आप ही सोचिए जिस व्यक्ति ने अपने सात साल दिए जवानी के वो उसके बाद कहां जाए । मै ऐसे बहुत लोगो को जानता हूं जो सात साल बाद निकाल दिए गए इसके इलावा अधिकारी भी शोषण करते है । हर जगह जहां किसी की हिम्मत या गुंजाइश होती है शोषण होता है । सरकार को चाहिए की कम से कम wages 100 रुपया घंटे करे और आठ घंटे के बाद एक मिनट भी लगता है तो डबल ot दिया जाए । इसके इलावा क्वालिफाइड स्टाफ के लिएं भी ot का प्रबंध हो और सभी के लिए अगर काम के घंटे भारत में अगर सप्ताह के 48 घंटे है तो इसके अलावा हर मिनट के लिए ot हो । इससे काम करने की इच्छा में भी बढ़ोतरी होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा । हर साठ साल से उपर व्यक्ती के लिए मेडिकल एड मुफ्त की जाए दवाइयां मुफ्त दी जाए क्योंकी निजी क्षेत्र बिना पेंशन के है और सामाजिक सुरक्षा भी नही ।60 साल के 83 प्रतिशत लोगो को बीमारी की हालत में काम करना पड़ रहा है सरकार को उनकी दवाई तो मुफ्त करनी चाहीए जिन्हे हर महीने regular दवा की जरूरत है । सरकार सभी असंगठित क्षेत्र के लिए ईपीएफ लागू करे और सुनिश्चित करे कि बीमारी की स्थिति में उसे और सुरक्षा प्रदान हो । इस देश में न्याय , कानून , सामाजिक और आर्थिक शोषण है । बहुत कुछ किया गया है लेकिन अभी बहुत सुधारों की जरूरत है और सरकार को इस ओर तेजगति से बढ़ना चाहीए । सबसे बडी बात नियमो को लागू करने में होती है और सरकार को ध्यान देन चाहिए । धन्यवाद । उमेश बाली लेखक