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*मुख्यमन्त्री के निर्णय पर पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने की टिप्पणी अगर सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो वह भूला नहीं कहलाता*

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मुख्यमन्त्री के निर्णय पर पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने की टिप्पणी अगर सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो वह भूला नहीं कहलाता :- ….. जव से माननीय मुख्यमन्त्री श्री सुक्खविन्दर सिंह सुक्खू जी ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव श्री राम सुभग सिंह जी की 31 जुलाई सेवानिवृत्ति पर उपहार के रूप में कार्य काल में बढोतरी कर अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त किया है । तव से रोज़ाना अखबारों अर्थात प्रिंट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत कुछ पढने व सुनने को मिल रहा । इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा है कि श्री राम सुभग जी भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अति योग्य अधिकारी रहे हैं । उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा श्री राम सुभग सिंह जी ने आई ए एस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के उपरांत पंचरुखी में बतौर खण्ड विकास अधिकारी कार्यभार संभाल था। उस वक्त के हम जैसे पंचायत प्रधान आज भी श्री राम सुभग जी के विकास माडल को याद करते हैं । पूर्व विधायक ने कहा उसके उपरांत श्री सुभग जी ने उपमंडल अधिकारी (ना ) पालमपुर में अपनी सेवाएं दी । फिर अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा बने । पूर्व विधायक ने कहा इस तरह श्री राम सुभग जी ने देश व प्रदेश में विभिन्न पदों पर सराहनीय सेवाएं प्रदान कर अन्ततोगत्वा हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के शिखर पद पर कर्मशील एवं गतिशील कार्य प्रणाली के चलते यह मुकाम हासिल किया। पूर्व विधायक ने कहा लांछन तो प्रभु राम , कृष्ण व सीता मईया पर भी लगे थे। ऐसे में अगर मुख्यमन्त्री जी ने भी श्री राम सुभग सिंह जी पर जो लांछन लगाये ओर गलती का एहसास कर इन्हें यह तोहफा दिया है तो अव इस विवाद को सुबह का भुला शाम को घर चले आने की कहावत की तरह मुख्यमन्त्री द्वारा ऎसे योग्य अधिकारी की गणना एवं कद्र की प्रशंसा की जानी चाहिए ।

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