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*घनश्याम शर्मा ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर आपदा की घड़ी में जनता को लूटने का आरोप लगाया*

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*घनश्याम शर्मा ने वर्तमान कांग्रेस सरकार पर आपदा की घड़ी में जनता को लूटने का आरोप लगाया*

Tct chief editor

पालमपुर 17 सितम्बर  : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं भारतीय राज्य पेंशनर संघ के  वारिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार पर आपदा की घड़ी में जनता को लूटने का आरोप लगाया है। शर्मा ने कहा कि आज जब पूरा प्रदेश त्रासदी की दंश झेल रहा है। वहीं वर्तमान सत्तासीन कांग्रेस सरकार रोज नए नए टैक्स व शुल्क लगा रही है। अब सरकारी अंतरराष्ट्रीय मेले में सांस्कृतिक संध्या देखने का भी टिकट काटना जनता को लूटने के समान है। घनश्याम शर्मा ने कहा कि सरकार को ऐसे दौर में जब अपनी दी हुई गारंटियों को पूर्ण करना चाहिए था, वहीं इस दौर के यह कई प्रकार के शुल्क जनता से सिर पर थोपे जा रहे हैं। ऐसे में आज जनता कांग्रेस सरकार के 10 माह के कार्यकाल में ही तंग हो चुकी है। घमश्याम शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने देवी देवताओं के मंदिरों में वीआईपी दर्शनों के लिए भी शुल्क लगाकर प्रदेश की प्राचीन परम्पराओ से खिलबाड़ किया है। उन्होंने कहा कि सरकार यह जनविरोधी फैसले वापिस नहीं लेती है तो मजबूरन भाजपा को सड़कों पर आना पड़ेगा। उन्होंने वर्तमान कांग्रेस सरकार से मंदिरों, मेलों में जारी शुल्क लेने के फैसलों को तुरंत प्रभाव से वापिस लेंने का आग्रह किया है। वहीं शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार इन नीतियों से तंग जनता 2024 के चुनावों में कांग्रेस को मुंहतोड़ जवाब देने को अभी तैयार बैठी है।

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2 Comments

  1. शर्मा जी ! मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी के पैंतालीस कीमती वर्ष एक पार्टी को दिए हैं शायद मैं अग्रणी पंक्ति के कार्यकर्ता की पंक्ति में था लेकिन एक ही निचोड़ मैंने निकाला कोई भी पार्टी किसी की नहीं जीत के बाद नेता कुछ लोगों के होकर ही रह जाते हैं मैंने ये इस लिए लिखा कि जो मैं लिख रहा हूं वो ऐसा न लगे मैं पार्टी विशेष से जुड़ा हूं शर्मा जी ! मैं आपकी किसी भी बात से सहमत नहीं हूं पहली बात तो ये कि आपने ये नहीं सोचा कि इसी पार्टी के मुख्य ने यानी कि मुख्यमंत्री सुक्खू जी ने अपनी ओर से 51 लाख रुपए राहत कोष में दिए और ये एक पहला उदाहरण है नहीं तो ऐसा आज तक किसी प्रदेश में क्या देश के किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को ऐसा करते नहीं पढ़ा और हम सभी को पता है सुक्खू जी कोई रईस खानदान से नहीं एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता और बाकी विधायक भी इस आपदा काल में कोई ऐसा उदाहरण पेश करते हैं तो ये कोई कांग्रेस की सहायता नहीं अपने ही लोगों की सहायता होगी शायद ये वोही दुखी लोग हो सकते हैं जिन्होंने पिछली बार सत्ता सुख भाजपा को दिया था , इस समय अगर टैक्स लगते हैं तो उसकी आलोचना हमें शोभा नहीं देती ये भी आपदा पीड़ितों की सहायता ही होगी और क्या वैसे कोई टैक्स नहीं बढ़ता ? टैक्स आपकी सरकार में भी बढ़े, जहां तक मंदिर में वी आई पी दर्शन हैं पहले मुझे भी ये बात बहुत अखरी थी लेकिन अगर कोई खर्च कर सकता है तो करे ये पैसा भी सरकार सहायतार्थ ही प्रयोग करे , सांस्कृत संध्या का टिकट अगर केवल इस बार रखा जाता है और ये नाम मात्र ही हो तो कोई बात नहीं बस शर्त एक ही रहनी चाहिए कि पैसा मंत्रियों के दौरों पर न खर्च कर के आपदा पीड़ितों के लिए ही प्रयोग किया जाय, सरकार को चाहिए कि इस समय कोई भी पद किसी भी कार्यकर्ता को न दे जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़े , शर्मा जी , जहां तक आप 2024 की बात कर रहे हैं इसमें केंद्र सरकार को कोई खतरा नहीं है ये बात मैं केवल आज तक कर रहा हूं उस वक्त हालात क्या होंगे ये भविष्य के बक्से में बंद है विधान सभा और लोकसभा के चुनाव में दिन रात का अंतर होता है, मैंने पहले भी लिखा था और आज भी लिख रहा हूं सारा कांगड़ा चंबा आप छोड़ दो वेशक भाजपा प्रत्याशी ये सीट जीत जाए लेकिन मेरी आपसे बात ये रहेगी कि आप यानी कि आप सब पालमपुर विधान सभा क्षेत्र से बढ़त दिलाने में कितने कामयाब होते हैं? आज तक के हिसाब से तो ये नामुमकिन ही नहीं मुश्किल भी है, आशीष जी का एक अपना प्रभाव है , आपमें बिखराव है आप सब किसी पद के पीछे भागते देखे हैं और ये आपने विधानसभा चुनाव में देख लिया आप अपना वोट बैंक नहीं बढ़ा सके इसका एक सबसे बड़ा कारण है आप लोग किसी पर भी विश्वास नहीं रखते और न ही किसी को विश्वास में लेते हैं, केवल चुनाव के समय ही जनता से संपर्क और चार साल पता ही नहीं, चलो जीत हार का मतलब नेता लोगों को लेकिन राजनीति में सचाई नहीं छुपती क्योंकि ये पब्लिक है ये सब जानती है
    Dr Lekh raj

  2. शर्मा जी ! मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं क्योंकि मैंने अपनी जिंदगी के पैंतालीस कीमती वर्ष एक पार्टी को दिए हैं शायद मैं अग्रणी पंक्ति के कार्यकर्ता में था लेकिन एक ही निचोड़ मैंने निकाला कोई भी पार्टी किसी की नहीं जीत के बाद नेता कुछ लोगों के होकर ही रह जाते हैं मैंने ये इस लिए लिखा कि जो मैं लिख रहा हूं वो ऐसा न लगे कि मैं किसी पार्टी विशेष से जुड़ा हूं , शर्मा जी ! मैं आपकी किसी भी बात से सहमत नहीं हूं पहली बात तो ये कि आपने ये नहीं सोचा कि इसी पार्टी के मुख्य ने यानी कि मुख्यमंत्री सुक्खू जी ने अपनी ओर से 51 लाख रुपए राहत कोष में दिए और ये एक पहला उदाहरण है नहीं तो ऐसा आज तक देश के किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को ऐसा करते नहीं पढ़ा और हम सभी को पता है सुक्खू जी कोई रईस खानदान से नहीं एक साधारण परिवार से संबंध रखते हैं और मुख्य होकर जनता की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझते हैं और सुक्खू जी की टीम के नेता भी अगर कोई ऐसा उदाहरण पेश करें तो आपदा राहत में ये उनका बहुत बड़ा योगदान होगा , पूर्व मुख्यमंत्री जो विपक्ष के नेता भी हैं और बाकी विपक्ष के विधायक भी इस आपदा काल में कोई ऐसा उदाहरण पेश करते हैं तो ये कोई कांग्रेस की सहायता नहीं अपने ही लोगों की सहायता होगी ये सब प्रदेश बासी हमारे आपके अपने ही तो हैं , इस समय अगर टैक्स लगते हैं तो उसकी आलोचना करना हमें शोभा नहीं देता ये भी आपदा पीड़ितों की सहायता ही होगी और क्या वैसे कोई टैक्स नहीं बढ़ता ? मुझे कोई एक प्रदेश गिना दो जहां टैक्स नहीं लगता या टैक्स बढ़ाया नहीं जाता , टैक्स आपकी सरकार में भी बढ़े, जहां तक मंदिर में वी आई पी दर्शन हैं पहले मुझे भी ये बात बहुत अखरी थी लेकिन अगर कोई खर्च कर सकता है तो करे ये पैसा भी सरकार सहायतार्थ ही प्रयोग करे , सांस्कृत संध्या का टिकट अगर केवल इस बार रखा जाता है और ये नाम मात्र ही हो तो कोई बड़ी बात नहीं बस शर्त एक ही रहनी चाहिए कि पैसा मंत्रियों के दौरों और दूसरी गतिविधियों पर न खर्च कर के आपदा पीड़ितों के लिए ही प्रयोग किया जाय, सरकार को चाहिए कि इस समय कोई भी पद किसी भी कार्यकर्ता को न दे जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़े , शर्मा जी , जहां तक आप 2024 की बात कर रहे हैं इसमें केंद्र सरकार को कोई खतरा नहीं है ये बात मैं केवल आज तक की कर रहा हूं उस वक्त हालात क्या होंगे ये भविष्य के बक्से में बंद है विधान सभा और लोकसभा के चुनाव में दिन रात का अंतर होता है, मैंने पहले भी लिखा था और आज भी लिख रहा हूं सारा कांगड़ा चंबा आप छोड़ दो , वेशक भाजपा प्रत्याशी यहां से लोकसभा सीट जीत जाए लेकिन मेरी आपसे बात ये रहेगी कि आप यानी कि आप सब पालमपुर विधान सभा क्षेत्र से कितनी बढ़त दिलाने में कामयाब होते हो ? आज तक के हिसाब से तो ये नामुमकिन ही नहीं मुश्किल भी है, आशीष जी का एक अपना प्रभाव है , उनका एक अपना व्यक्तित्व है , बड़े रईस घराने के होकर भी एक सादगी है , आम आदमी के बीच मिलना जुलना बैठना उठना है, अगर हम उनको बुटेल खानदान से न जोड़ कर भी देखें तब भी वो अकेले भाजपा पर भारी हैं , आपमें बिखराव है आप सब किसी पद के पीछे भागते देखे हैं और ये आपने विधानसभा चुनाव में देख लिया , बेशक आपने भीड़ इकट्ठी की जो एक मदारी भी जुटा लेता है लेकिन अफसोस आप अपना वोट बैंक बढ़ाने में कामयाब नहीं हो सके इसका एक सबसे बड़ा कारण है आप लोग किसी पर भी विश्वास नहीं रखते और न ही किसी को विश्वास में लेते हैं, केवल चुनाव के समय ही जनता से संपर्क और चार साल पता ही नहीं, चलो जीत हार का मतलब नेता लोगों को होता है, लेकिन राजनीति में सचाई नहीं छुपती क्योंकि ये पब्लिक है ये सब जानती है

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