*कंगना_रनौत_को_मंडी_संसदीय_सीट_से_मिला_भाजपा_का_टिकट*
26 मार्च 2024–(#कंगना_रनौत_को_मंडी_संसदीय_सीट_से_मिला_भाजपा_का_टिकट)–
लोकसभा के चुनाव घोषित होने के बाद सभी पार्टियां तैयारियों मे जुटी है। हिमाचल मे मुख्य मुक़ाबला प्रदेश मे सत्तारूढ कांग्रेस और केन्द्र मे सत्तारूढ भाजपा के बीच है। भाजपा ने अपने चारों उम्मीदवार घोषित कर दिए है। हमीरपुर और शिमला संसदीय सीट से मौजूदा सांसदो पर भरोसा जताते हुए अनुराग ठाकुर और सुरेश कश्यप को टिकट दिया गया है। कांगडा से भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष और पुराने कार्यकर्ता राजीव भारद्वाज को चुनाव मे उतारा है, लेकिन भाजपा ने मंडी सीट से एक्ट्रेस कंगना को टिकट देकर मंडी चुनाव को रोचक बना दिया है। कंगना की छवि भले सेलीब्रेटी की है लेकिन मूल रूप से वह मंडी सरकाघाट से संबंध रखती है। वह स्वयं एक्ट्रेस के साथ फिल्म निर्माण से भी जुड़ी हुई है। वह अपने विवादित ब्यानों और टिप्पणियों के लिए जानी जाती है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी प्रशंसक है। मंडी उपचुनाव के समय भी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उनका नाम उभरा था लेकिन उस समय उन्होने हामी नहीं भरी थी। खैर यह पहली बार है किसी सिनेमा जगत की मशहूर कलाकार को हिमाचल के चुनाव मे उतारा जा रहा है। भाजपा पहले भी कलाकारों को उम्मीदवार बनाती रही है।
मेरी समझ मे इन सेलिब्रिटीज का चुनाव मे स्ट्राइक रेट बहुत ही जबरदस्त है। यानी की यह लोग चुनाव तो जीत जाते है लेकिन सांसद बनने के बाद इनमे से अधिकांश अपने मतदाताओं की आकांक्षाओ को पूरा करने मे सफल नहीं हो पाते है। यह बात मै कंगना को लेकर नहीं कह रहा हूँ। उनकी परफॉर्मेंस अभी भविष्य के गर्भ मे है, लेकिन कुछ अपवाद को छोड़कर अधिकांश ने अपने मतदाताओं की अनदेखी ही की है। उदाहरण के लिए पंजाब गुरदासपुर से भाजपा सांसद सन्नी देओल चुनाव जीतने के बाद न अपने निर्वाचन क्षेत्र मे गए और न संसदीय कार्यवाई मे हिस्सा लिया। उनके पिता मशहूर एक्टर धर्मेंद्र राजस्थान से सांसद बने और उन्होने भी अपने संसदीय कार्य मे कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन यह बात सन्नी देओल की सौतेली मां हेमामालिनी पर लागू नहीं होती है। वह एक बार फिर मथुरा से भाजपा उम्मीदवार बनाई गई है। चडींगढ से भाजपा सांसद किरण खैर को लेकर भी उनकी निष्क्रीयता की खूब शिकायते है। शत्रुघ्न वर्तमान मे टी.एम. सी सांसद है और उन्होने अपने कार्यकाल मे एक भी शब्द संसद मे नहीं बोला है। इसी प्रकार राज्यसभा के लिए नामित एक्ट्रेस रेखा,क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और हरभजन सिंह भज्जी ने संसदीय कार्य मे कभी कोई रूचि नहीं दिखाई। मेरे विचार मे विशेषकर लोकसभा और विधानसभा मे पार्टियाँ इन सेलिब्रिटीज को टिकट अपने समर्पित कार्यकर्ताओं की कीमत पर देती है। यह सही है कि चुनाव मे इनके सेलिब्रेटी होने का लाभ भी मिलता है, परन्तु कार्यकर्ताओओं की मेहनत का रोल अधिक होता है, लेकिन जीतने के बाद यह लोग अपनी व्यवसायिक व्यस्तताओं और संसदीय कर्तव्यों मे तालमेल नहीं बैठा पाते, जिससे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं मे निराश होना स्वाभाविक है। उम्मीद है कि यदि कंगना जीत कर सांसद बनती है तो वह मंडी के भाजपा कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की आकांक्षाओं को पूरा करेंगी।
#आज_इतना_ही।