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Personality :*न्यायमूर्ति श्री संजय करोल जी को सूद सभा चण्डीगढ़ द्वारा सूद रत्न से नवाजा गया*

न्यायाधीश संजय करोल देशभर के वकीलों के प्रेरणा स्रोत हैं. हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले वकील और विशेषकर हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के छात्र उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं।

 

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न्यायमूर्ति श्री संजय करोल जी को सूद सभा चण्डीगढ़ द्वारा सूद रत्न से नवाजा गया।

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न्यायमूर्ति श्री संजय करोल जी सूद सभा चण्डीगढ़ द्वारा पंचकुला सूद भवन, सेक्टर 10 में आयोजित 60वें सूद मिलन दिवस पर मुख्य अतिथि थे। श्री करोल को उनके कार्यक्षेत्र में
अभूतपूर्व कार्य और जनहित के कल्याणार्थ और सूद बिरादरी के उत्थान के लिए विशिष्ट योगदान के लिए सूद सभा चण्डीगढ़ ने ‘सूद रत्न’ से सम्मानित किया ।

श्री करोल जी विलक्षण प्रतिभा, विवेकशील, करुणामय हृदय और बेहद मिलनसार व्यक्ति है। न्यायमूर्ति श्री संजय करोल जी ने वर्ष 1986 में एक वकील के रूप में नामांकन किया। 08 मार्च, 2007 को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में उनकी नियुक्ति न्यायाधीश के रूप में हुई। जस्टिस करोल जी को 14 नवम्बर, 2018 को त्रिपुरा उच्च न्यायालय और 11 नवम्बर, 2019 को पटना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

जब न्यायमूर्ति करोल पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे, तो उन्होंने अपने सकारात्मक दृष्टिकोण से जनहित के कल्याणार्थ स्वच्छ शौचालय तक पहुंच के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करते हुए एक निर्णय लिखा और राज्य राजमार्गों के किनारे सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का निर्देश दिया।

उनकी प्रभावशाली कार्यप्रणाली और उसमे दक्षता के कारण दिनांक 06 फरवरी, 2023 को माननीय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।

सूद मिलन दिवस पर न्यायमूर्ति श्री संजय करोल ने सूद बिरादरी को संबोधित करते हुए सूद सभा चण्डीगढ़ के वर्ष 1959 में गठन उपरान्त सभा की उपलब्धियों और जनहित में कल्याणार्थ कार्यों के साथ अनेकता में एकता लाने के निष्ठावान प्रयासों की सराहना की।

माननीय महोदय ने सूद सभा चण्डीगढ़ की Website में सूद सभा चण्डीगढ़ की गतिविधियों के विश्लेषण, पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाने और इस माध्यम से देश-विदेश की सूद बिरादरी को जागरूक करने बारे प्रशंसा करते हुए हार्दिक बधाई दी।

श्री करोल ने इस अवसर पर उपस्थित सूद सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह सूद बिरादरी के संगठन और सूद बिरादरी धरोहर को भावी पीढ़ी तक पहुँचाने के लिये सभी सूद सभाओं द्वारा किए जा रहे निष्ठावान प्रयासों में अपना योगदान देने के लिए सदैव तत्पर हैं।

माननीय महोदय ने सम्बोधन में इस बात पर विशेष रूप से बल दिया कि हम सभी को अपनी पुरानी विरासत को संयोजने व अपने पुराने घरों में जाना चाहिए क्योंकि वह ही हमारी सच्ची विरासत है और इतिहास ही किसी भी समुदाय / बिरादरी / राष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

श्री संजय करोल के करुणामय स्वभाव और सादगी का एक उदाहरण उनके हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के दौरान का है जब सुबह न्यायालय जाने के दौरान सड़क पर बेहोश पड़े आदमी को उन्होंने अपनी निजी गाड़ी से अस्पताल भिजवाया और खुद पैदल न्यायालय के लिए चल पड़े।

श्री करोल ने हमेशा न्यायिक अधिकारियों से संविधान में विश्वास बनाए रखने, न्याय के प्रति प्रतिबद्ध रहने, लोगों की सेवा करने और उसमें निहित आदशों को बनाए रखने के लिए कहा है।.

न्यायमूर्ति संजय करोल देशभर के वकीलों के प्रेरणा स्रोत हैं और हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाले वकील और विशेषकर हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के लॉ के छात्र उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं।

न्यायाधीश संजय करोल मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका जन्म 23 अगस्त 1961 को शिमला में हुआ था. वह मूल रूप से जिला कांगड़ा की देहरा तहसील के गरली गांव से हैं. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में जन्म के बाद संजय करोल ने अपनी पढ़ाई शिमला के मशहूर सैंट एडवर्ड स्कूल से की. उन्होंने शिमला के संजौली कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स बीए ग्रेजुएशन की. इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की.

श्री करोल जी न केवल सूद बिरादरी अपितु पूरे समाज के लिए एक आदर्श व्यक्तित्व हैं।

साभार सूद सन्देश पत्रिका October to december 2023

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