Mandi: *मंडी_संसदीय_क्षेत्र_के_चुनाव_मे_निम्न_स्तरीय_टिप्पणियों_का_हो_रहा_प्रयोग* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हि प्र*


04 मई 2024- (#मंडी_संसदीय_क्षेत्र_के_चुनाव_मे_निम्न_स्तरीय_टिप्पणियों_का_हो_रहा_प्रयोग)–

मंडी लोकसभा के चुनाव मे दो युवा उम्मीदवारों को मैदान मे उतारा गया है। भाजपा ने सिनेजगत की युवा कलाकार कंगना रनौत को उम्मीदवार बनाया है। वह तेजतर्रार है और अपनी बात बेबाकी से रखने के लिए जानी जाती है। हालांकि वह पहली बार चुनाव लड़ रही है लेकिन यह बात दर्ज करने काबिल है कि उनके दादा हिमाचल विधान सभा के सदस्य रह चुके है। कांग्रेस ने भी उनकी युवा अपील का मुकाबला करने के लिए मंत्रीमंडल के युवा मंत्री विक्रमादित्य को टिकट दिया है, लेकिन अफसोस है चुनाव अभियान के शुरुआती दौर से ही दोनो तरफ से एक दुसरे के खिलाफ व्यक्तिगत टिका- टिप्पणियाँ की जा रही है। हालांकि विक्रमादित्य दूसरी बार विधायक बने है। वह राजनैतिक परिवार से आते है और उनकी गंभीर मंत्री की छवि भी है, लेकिन मंडी संसदीय क्षेत्र मे प्रचार विचारधारा, कार्यक्रम और विकास को पीछे धकेलते हुए दोनो उम्मीदवारों पर सिमट कर रह गया है।
मंडी की सांसद प्रतिभा सिंह ने कंगना को हसीन परी कह कर नया विवाद उत्पन्न कर दिया है। मेरी समझ मे प्रतिभा सिंह हिमाचल की वरिष्ठ नेता है। वह तीन बार मंडी लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुकी है और उनके पति स्वर्गीय वीरभद्र हिमाचल के सबसे लम्बे समय तक मुख्यमंत्री रह चुके है, फिर वह एक महिला है। उन्हे कंगना के लिए ऐसे शब्दों के प्रयोग से बचना चाहिए था और अपनी परिपक्व नेता की छवि बरकरार रखनी चाहिए थी। उनकी इस टिप्पणी के बाद कंगना ने विक्रमादित्य के विवाहित जीवन पर टिप्पणी कर सारे चुनाव अभियान को निम्न पायदान पर ला खड़ा कर दिया है। वैसे तो इस बार के लोकसभा चुनाव मे सारे देश से नेताओं द्वारा अपशब्दों और अनुचित भाषा के प्रयोग की खबरें आ रही है। चुनाव अभियान मे सामान्य शिष्टाचार और गरिमा को ताक पर रख दिया गया है तथा राजनैतिक प्रतिद्वंद्वीयो के बीच भाईचारा और आदर समाप्त हो गया है।मेरी समझ मे मंडी संसदीय सीट पर जिस भाषा का इस्तेमाल हो रहा है वह हिमाचल की संस्कृति से मेल नहीं खा रही है। मेरे विचार मे नेताओं को विभाजनकारी और व्यक्तिगत हमलो से बचना होगा तथा जनता और राष्ट्र को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर बहस करनी होगी, ताकि चुनाव प्रचार गरिमापूर्ण बहस की पटरी पर पुनः लौट सके।
#आज_इतना_ही।
