Uncategorized

HP Agriculture University Palampur :::::*संयुक्त निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क डाक्टर हृदय पाॅल सिंह सेवानिवृत*

 

1 Tct

संयुक्त निदेशक, सूचना एवं जनसंपर्क डाक्टर हृदय पाॅल सिंह सेवानिवृत

Tct chief editor

चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में दी 37 वर्ष सेवाएं
पालमपुर, 31 मई। चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में 37 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने के उपरांत डाक्टर ह्रदय पॉल सिंह शनिवार को सेवानिवृत्त हो गए। कुलपति डाक्टर डी के वत्स ने संस्थान को दी गई उनकी सेवाओं को सराहनीय बताते हुए उनके उज्जवल भविष्य की बधाई दी। उन्होंने डाक्टर ह्रदय पॉल सिंह और उनकी धर्मपत्नी श्रीमति कमलजीत कौर को स्मृति चिन्ह और शॉल प्रदान कर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में प्रसार शिक्षा निदेशक डाक्टर नवीन कुमार ने सम्मानपत्र पढ़ा और समस्त परिजनों को बधाई दी। डाक्टर ह्रदय पॉल सिंह की माता जी श्रीमति गुरचरण कौर, उनके बेटा बहू, बेटी, उनके मित्र डाक्टर राकेश सूद, पूर्व प्रसार निदेशक डाक्टर मधु मीत सिंह, गीतेश भृगु मौजूद रहे।
डाक्टर ह्रदय पॉल सिंह ने 7 सिंतबर 1987 को हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय में तदर्थ आधार पर सहायक संपादक के पद पर कार्य शुरू करते हुए संपादक अनुसंधान, जन सम्पर्क अधिकारी सहित विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी। पूर्व कुलपति डाक्टर एच के चौधरी और डाक्टर अशोक कुमार सरयाल ने भी डाक्टर ह्रदय पॉल सिंह को संदेश भेजते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
अपने लगभग 37 वर्ष (36 वर्ष, 8 माह, 23 दिन) के सेवाकाल के दौरान डाक्टर हृदय पाॅल सिंह ने पूर्ण कर्तव्य निष्ठा और पूरी ईमानदारी से विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। इन्हें ‘ विश्वविद्यालय गान‘ लिखने का श्रेय भी जाता है जिसका अनुमोदन विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड ने किया था और यह गान विश्वविद्यालय के प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के आरंभ होने पर प्रस्तुत किया जाता है। इन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में विश्वविद्यालय पर एक वृत्तचित्र भी बनाया है जो किसानों व अन्य आंगुतकों को दिखाया जाता है।
लगभग 18 वर्ष तक इन्होंने विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका पर्वतीय खेतीबाड़ी, हिमाचल जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च, एचपीकेवी न्यूजलेटर, हिल एगरीकल्चर रिर्पोटर और ई-न्यूजलेटर का बाखूबी संपादन कार्य भी किया है।
डाक्टर सिंह ने विश्वविद्यालय के जनसंपर्क कार्य को व्यावसायिक पुट प्रदान करते हुए एक नीतिगत धार दी है जिससे विश्वविद्यालय के आंतरिक व बाह्य हितधारकों में इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा एक ‘ब्रांड‘ के रूप में स्थापित हुई है। इन्होंने पारपंरिक और आधुनिक सोशल मीडिया प्रारूपों का इस्तेमाल करते हुए विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज,इंस्टाग्राम और टिवटर पर विश्वविद्यालय की छवि व पहुंच देश-विदेश तक पहुंचाई हैं। इस समय विश्वविद्यालय फेसबुक पेज पर लगभग आठ हजार सक्रिय सदस्य हैं। प्रतिवर्ष हिंदी व अंग्रेजी में औसतन डेढ़ सौ प्रेस विज्ञप्तियां व फीचर जारी करते हुए इन्होंने समाचार पत्रों व मीडिया के अन्य प्रारूपों से गांव-गांव तक विश्वविद्यालय की उपयोगी सूचनाएं किसानों, विद्यार्थियों व आमजन तक पहुंचाई हैं। इनके उत्कृष्ट कार्य की विभिन्न कुलपतियों और विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय-समय पर इनकी भूरी-भूरी प्रशंसा की हैं।
साहित्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और लगाव के कारण इन्होंने एमए अंग्रेजी (1986), एमए हिंदी (1991), एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार(2003), और पंजाबी प्रवेशिका (2006) की उपाधियां प्राप्त कीं। वर्ष 2008 में इन्होंने पंजाबी विश्वविद्यालय से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पीएचडी की डिग्री हासिल की।
डाक्टर हृदय पाॅल सिंह एक स्थापित लेखक और कवि हैं जिनकी आठ पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिसमें प्रतिष्ठित कलाकार सोभा सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर ‘सोभा सिंह आर्टिस्ट: लाईफ एंड लेगेसी‘ पुस्तक 2023 में प्रकाशित और ‘रेडियो इन एग्रीकल्चरल डेवेल्प्मेंट‘ 2012 में लेप लैंपर्ट अकादमिक प्रकाशन,जर्मनी से प्रकाशित हुई हैं । इसके अतिरिक्त हिंदी कविताओं की चार पुस्तकों का प्रकाशन हुआ हैं। इनके विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगभग पांच सौ फीचर हिंदी,पंजाबी और अंग्रेजी में प्रकाशित हुए हैं और दो विश्वविद्यालयों की प्रकाशित पुस्तकों के लिए आमंत्रित लेख भी लिखे हैं। इन्होंने हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य पर तीस पोस्टर भी प्रकाशित किए हैं।
डाक्टर हृदय पाॅल सिंह करीबन एक दर्जन विभिन्न व्यावसायिक, कला,संस्कृति और सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े रहे हैं। वह बोर्ड आफ स्टडीज, जर्नलिज्म एंड माॅस काॅम्युनिकेशन, श्री गुरू ग्रंथ साहिब वल्र्ड यूनिवस्र्टी तथा केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र की गवर्निग बाॅडी व रिसर्च एडवाइजरी कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। डाक्टर सिंह की कांगड़ा की लोक कला एवम संस्कृति के संवर्धन में भी रूचि हैं । इन्होंने कृषि वैज्ञानिकों के लिए संचार दक्षता और जनसंपर्क पर प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की हैं और विद्यार्थियों, उभरते कलाकारों और ग्रामीण महिलाओं के लिए लोक कला और चित्रकला पर लगभग दो दर्जन कार्यशालाएं भी आयोजित की हैं।
डाक्टर हृदय पाॅल सिंह का विवाह कांगड़ा की लोक संस्कृति लिखणु की जानी मानी हस्ताक्षर श्रीमती कमलजीत कौर के साथ हुआ है। इनके दो बच्चे नवरतन सिंह और सरगुण कौर हैं ।
सेवानिवृत्ति के उपरांत अब डाक्टर हृदय पाॅल सिंह अपने लेखन,बागवानी, अध्ययन, घूमने और संगीत सुनने में अपना समय व्यतीत करंगे।
बॉक्स
डाक्टर हृदय पाॅल सिंह का जन्म सरदार हरबीर सिंह भंवर और श्रीमती गुरचरण कौर के घर 25 मई 1964 को हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल, अंद्रेटा (पालमपुर) और जीएवी स्कूल, सलियाणा (पालमपुर) में हुई। इन्होंने कृषि महाविद्यालय, पालमपुर से वर्ष 1984 में बीएससी (कृषि) की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद इन्होंने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से पत्रकारिता एवम जनसंचार में स्वर्ण पदक के साथ डिग्री प्राप्त की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button