*राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख की सही सोच*
14 जून 2024-( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख की सही सोच।)– प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक के सम्पादकीय के अनुसार संघ प्रमुख डा मोहन भागवत जी ने नागपुर मे संघ कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए चुनावो मे मर्यादा उल्लंघन और मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त की है।भागवत जी के अनुसार दोनो पक्षो ने जिस तरह एक- दूसरे पर तीखे हमले किए और एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए उससे समाज मे मनमुटाव पैदा होगा। उनका कहना है कि चुनाव अभियान मे कुछ निश्चित अंकुश होने चाहिए जिनका इस चुनाव मे पालन नही हुआ है।उन्होने सोशल नेटवर्किंग पर परोसे गए झूठ की भी आलोचना की।भागवत जी ने जिस मर्यादा का,प्रतिपक्ष के आदर का, चुनाव मे घटिया भाषा और समाज को नुकसान पहुंचाने वाली बातें उठाने की शिकायत का,मणिपुर की सुनवाई का और अहंकार न करने जैसे जिन मसलो को उठाया है वह भाजपा नेतृत्व के लिए एक चेतावनी है। मेरी समझ मे उन्होने जानबूझकर यह सब कुछ कहने के लिए चुनाव समपन्न होने और परिणाम घोषित होने का इतंजार किया है। अन्यथा भाजपा को चुनाव मे निश्चित नुकसान हो सकता था। अब यह बाते सुधारात्मक कदम उठाने के लिए काम आ सकती है।मेरे विचार मे यह सब बातें आम कार्यकर्ता के मन की बातें है लेकिन कार्यकर्ता के पास यह बातें कहने के लिए न तो कोई मंच है और न ही उनकी बात सुनी जाएगी। संघ प्रमुख ने आम कार्यकर्ता और स्वयंसेवक की आवाज बन कर यह मुद्दे उठाए है। स्मरण रहे संघ प्रमुख अपनी स्पष्टवादिता,दूरदर्शिता और अनुशासनप्रियता के लिए जाने जाते है। उनके कार्यकाल मे संघ मे बहुत से सुधार समय की मांग को देखते हुए किए गए है। मेरा मानना है कि लोकसभा चुनाव को लेकर जो कुछ भागवत जी ने कहा है उससे असहमति मुश्किल है। अच्छी बाते अच्छी मंशा से कही गई है। हालांकि कहने के समय के चुनाव के कारण अभी इसका प्रभाव भले दिखाई नही दे रहा है। लेकिन भविष्य मे अगर उनकी कही बातो पर अमल किया जाएगा तो दूरगामी सकरात्मक परिणाम हो सकते है।
आज इतना ही।