*कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में क्यों नहीं मिला वेतन ,पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक सरयाल का विश्लेषण*
**कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और पेंशनर्स को जून माह के वेतन की अदायगी*
*कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में क्यों नहीं मिला वेतन पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशोक सरयाल का विश्लेषण*
समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है की कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और पेंशनर्स की जून माह की अदायगी नही हो पाने का कारण ग्रांट इन एड के लिए सरकार को समय पर निवेदन नहीं किया जाना बताया गया है। वित नियंत्रक और रजिस्ट्रार हिमाचल सरकार के दो अधिकारी विश्वविध्यालय में डेपुटेशन पर नियुक्त रहते है। जिनका दायत्व सरकार और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और वित संबधित कार्यों को सुचारू रूप से क्रियान्वित करना होता है। पूर्व में विश्वविद्यालय को त्रिमाशिक ग्रांट एडवांस में मिलती रही है उसके बावजूद समय पर आवेदन नहीं करना संबधित अधिकारियों की जिमेदारी है। प्राध्यापकों अनुसार अनुसंधान और शिक्षा के लिए भी वित का अभाव है। प्रदेश और केंद्र सरकार की 23 करोड़ रुपए की प्राकृतिक खेती जैसी परियोजना पिछले 6 वर्षों से किसानो के लिए आजतक टेक्नॉल्जी देने में असमर्थ रही है। ऐसी स्तिथि में संसाधन जुटना भी कठिन है । दूसरा पूर्णकालिक कुलपति के पद की नियुक्ति विचाराधीन है ऐसे मौके पर विभिन्न संगठनों के पद अधिकारी जब अचानक आवाज उठाने लगते हैं कहीं ऐसा तो नहीं निहित स्वार्थ हेतु समय पर आवेदन नही करने से अदायगी की देरी अशांति का कारण बने। –
प्रो अशोक सरयाल, पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर ।