*तीन_तलाक_कानून_के_उल्लंघन_मे_सजा_का_प्रावधान_जरूरी_है_केन्द्र_सरकार*: महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार
21 अगस्त 2024- (#तीन_तलाक_कानून_के_उल्लंघन_मे_सजा_का_प्रावधान_जरूरी_है_केन्द्र_सरकार)-
तीन तलाक समाज मे वैवाहिक व्यवस्था के लिए खतरा है और इस प्रथा के चलते मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की हालत बहुत दयनीय थी। मेरी समझ मे यह मुस्लिम समुदाय मे प्रचलित एक कुरीति थी। ऐसा नहीं है कि कुरीतियां केवल मुस्लिम समुदाय मे ही प्रचलित है। काबिलेगौर है कि हिन्दुओं मे भी सती प्रथा,बाल विवाह और दहेज जैसी कुरीतियां थी। इनको समाप्त करने के लिए सामाजिक नेताओं ने भी अभियान चलाए और सरकार ने भी कानून बनाकर इन्हे अपराध घोषित किया। आज सती प्रथा पूरी तरह समाप्त है, बाल विवाह मे भी कमी आई है और दहेज के मामले मे शिकायत कम दर्ज होती है, लेकिन अगर शिकायत आती है तो कार्रवाई होती है। अच्छी बात यह कि हिन्दुओं ने इन कुरीतियों के खिलाफ बनाए गए कानून को कभी भी अपनी परम्परा, संस्कृति और धर्म पर हमला नहीं माना। जिस प्रकार इन कुरीतियों का आधुनिक समाज मे कोई स्थान नहीं हो सकता उसी प्रकार मुस्लिम समुदाय मे प्रचलित तीन तलाक की प्रथा को स्वीकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन पुरुष मानसिकता से ग्रस्त मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथी नेता तीन तलाक को निरस्त करने वाले कानून को पचा नहीं पा रहे है।
स्मरण रहे सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2017 मे इस प्रथा को खारिज करने के बावजूद यह मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के तीन तलाक प्रथा के माध्यम से तलाक की संख्या कम नहीं हो पाई थी, फिर मोदी सरकार कानून लेकर आई और उल्लंघन करने वाले के लिए तीन साल की सजा का प्रावधान किया। ख़ैर अब दो मुस्लिम संगठनों जमीयत उलेमा-ए-हिंद और समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से भारत सरकार द्वारा पारित कानून को निरस्त करने की गुहार लगाई है। कोर्ट ने सरकार से जबाव तलब किया है। मेरे विचार मे सरकार का यह तर्क सही है कि यह कानून विवाहित मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक समानता के व्यापक संवैधानिक लक्ष्यों को सुनिश्चित करने में मदद करता है और मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों की रक्षा मे करने मदद करता है। केन्द्र सरकार कोर्ट मे दाखिल अपने जबाव मे इस कानून के उल्लंघन करने वाले के लिए सजा के प्रावधान को जरूरी बताया है। उम्मीद है देश की शीर्ष अदालत इस याचिका को खारिज कर मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को न्याय प्रदान करेगी।
#आज_इतना_ही।