*अगर आप खरड़ लांडरां रोड पर चल रहे हो तो हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जरूर करवा लें।*


अगर आप खरड़ लांडरां रोड पर चल रहे हो तो हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जरूर करवा लें।

जी हां आपने बिल्कुल सही सुन रहे हैं अगर आप खरड़ लांडरां रोड पर सफर कर रहे हैं तो यहां पर चलने से पहले अपना इंश्योरेंस अपने व्हीकल का इंश्योरेंस तथा हेल्थ इंश्योरेंस जरूर करवा लें क्योंकि इस रोड की हालत इतनी खराब है कि आप को जहन्नुम का रोड भी शायद इससे साफ सुथरा मिलेगा ।
शायद इतना बुरा हाल ट्राई सिटी के किसी भी रोड का नहीं होगा जितना बुरा हाल इसका है। सड़कों में दोनों साइड सीवरेज लाइन चल रही है जो जगह-जगह से ओपन पड़ी है तथा जरा सी नजर हटी और दुर्घटना घटी वाली बात यहां पर सटीक लागू होती है।
सड़क की हालत तो सचमुच बहुत ही दयनीय थी ही परन्तु अब सीवरेज लाइन जो ओपन पड़ी है जगह-जगह से खुली पड़ी है स्थिति को और भी विकराल कर रही है ।जहां पर ढक्कन लगे हैं वहां से भी बदबू फैलती रहती है जहां पर ढक्कन नहीं है वहां पर क्या हाल होता होगा आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं। कई बार न्यूज़ पेपर में इस तरह की खबरें लग चुकी है परंतु संबंधित विभाग और MC का शायद इस और कोई ध्यान नहीं है वह अपने ही कामों में व्यस्त हैं तो पब्लिक के काम कब करेंगे।
यहां पर कभी भी कोई भी गंभीर दुर्घटना घट सकती है और न केवल आदमी जीवन भर के लिए अपंग हो सकता है बल्कि उसकी मृत्यु भी हो सकती है, और अगर वह बच भी गया तो हॉस्पिटल में ठीक होने का लाखों रुपए का खर्च होगा। गाड़ी टूट गई तो लाखों का नुकसान होगा ।
यहां पर पास में ही संते माजरा के साथ दो सरकारी स्कूल भी है अन्य सरकारी और प्राइवेट स्कूल भी हैं जिसमें छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने आते हैं अगर उनसे कोई चलते हुये चूक हो जाए तो है तो अपनी जान ही गवां देंगे। यहां के लोकल निवासियों का कहना है कि ओपन सीवरेज लाइन की वजह से उनका जीना दुबर हो गया है और वह सांस लेने में दिक्कत महसूस करते हैं तथा कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं ।
ना जाने सरकारें कब आम जनता की समस्या की तरफ ध्यान देगी उनकी समस्याओं को सुनेंगी और खरड़ लांडरां रोड की सुध लेगी? क्योंकि इस रोड पर पहले ही बहुत अधिक ट्रैफिक है 5 किलो मीटर के सफर को कई बार 20 मिनट का समय लग जाता है ना तो ट्रैफिक पुलिस का और ना ही शासन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान है ।
हालत दिन प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं इस रोड के दोनों ओर बहुत फ्लैट्स बन रहे हैं, शॉपिंग कांप्लेक्स और कमर्शियल्स बनाए जा रहे हैं, परंतु सड़क के कंडीशन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा जिससे आमजन का जीना मुश्किल हो रहा है ।लोगों को सड़क पार करना किसी माउंटेन एवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं है।
हैरानी की बात तो यह है कि ऐसी सीवरेज लाइन पर जो जगह-जगह से टूटी हुई है और खुली हुई है ओपन है बदबूदार है उसके ऊपर जगह-जगह पर गन्ने के जूस वाले, फ्रूट जूस वाले, चाट पापड़ी वाले ,सब्जी वाले, फ्रूट वाले, और फास्ट फूड वाले अपनी रेहडी फ़ड़ी और खाने के ठेले लगाकर बैठे हैं। क्या स्वास्थ्य विभाग को यहां पर लोगों के स्वास्थ्य के बारे में कोई जानकारी नहीं है या वह जानबूझकर आंखें मूंदे बैठे हैं कि जब कोई महामारी फैलेगी तो सरकार तो आगे आएगी ही।लगता है यह मुख्यमंत्री को परेशानी में डालने वाला और उन्हें बदनाम करने वाली लापरवाही है। लोगों के प्रति तो उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं परंतु सरकार के प्रति जिसके खजाने से वह तनख्वाह लेते हैं उसके प्रति तो उनके कोई जिम्मेवारी बनती है या नहीं?
क्या सरकार इस ओर कोई ध्यान देगी यह भविष्य के गर्भ में छुपा है?