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*राधा कृष्ण मंदिर पालमपुर :एक गूढ़ आस्था का केन्द्र!*

Bk sood chief editor

यह पालमपुर का प्रसिद्ध तथा प्राचीन श्री कृष्ण मंदिर इस मंदिर का निर्माण श्री ओम प्रकाश सँगराये जो पालमपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी समाजसेवी व LIC अधिकारी रहे हैं के दादा लाला नौरंगमल जी ने 1905 में किया था । बाद में इस मंदिर का निर्माण कार्य ओ पी संगराये के पिता श्री ईश्वर दास संगराये ने आगे बढ़ाया तथा उनके स्वर्गवास के बाद अनिल संगराये इस पुनीत कार्य मे दिलचस्पी ले कर परिवारिक परम्परा को आगे बढ़ा रहे हैं।

116 साल पुराना यह मंदिर आज भी लोगों की आस्था का कारण बना हुआ है।
इस मंदिर में लोग आकर अपनी श्रद्धा अनुसार धार्मिक अनुष्ठान करवाते हैं तथा मनवांछित फ़ल पाते हैं ।
शुरू में इस मंदिर इन केबल राधा कृष्ण की की मूर्तियां थी, परंतु समय के अनुसार इस मंदिर का विस्तार होता गया तथा इसमें भगवान शिव, दुर्गा माता, भगवान राम परिवार ,भगवान विष्णु लक्ष्मी जी तथा साईं भगवान की मूर्तियां स्थापित की गई ।
इस मंदिर के साथ इसके सामने एक सराय भवन भी है जिसमें लोगों ठहरने की सुविधा उपलब्ध है ।यह मंदिर खुला है तथा इसमें अनेक छोटे-मोटे धार्मिक आयोजन भी किए जा सकते हैं। श्रीमद् भागवत कथा , रामायण कथा, विष्णु पुराण शिव पुराण आदि कथाओं का आयोजन यहां पर अक्सर किया जाता है। इसी मंदिर से पालमपुर की प्रसिद्ध होली के अवसर पर झांकियां भी निकाली जाती है। इस मंदिर के मुख्य संरक्षक तथा मैनेजिंग कमेटी में संगराये बंधुओं की अहम भूमिका है ।इस मंदिर को डॉ रामकुमार सूद जी दिल खोलकर दान दिया है ,तथा अधिकतर कार्य उनके आर्थिक सहयोग से ही किया गया है। मंदिर कमेटी का संचालन गोगी भाई करते हैं तथा मंदिर को सुचारू रूप से स्वच्छ और सुंदर बनाने में उनकी अहम भूमिका रहती है। वह हर आयोजन में सबसे आगे रहते हैं तथा साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है ।इस मंदिर की सफाई व्यवस्था को देखते बहुत ही अच्छा लगता है।
क्योंकि यह मंदिर पालमपुर के पुराने बस अड्डे के पास है इसलिए यहां पर हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु ,चाहे 2 मिनट के लिए ही आएं परन्तु आकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।
जय श्री कृष्ण राधे राधे!

 

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