

23 फरवरी 2024– (#370_सीटो_का _लक्ष्य_हासिल_करने_के_लिए_भाजपा _की_रणनीति)–

प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार भाजपा लोकसभा चुनाव मे 370 सीटे जीतने का इरादा रखती है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भाजपा रणनीतिकार योजना पर काम कर रहे है। उन्होने ऐसी 161 लोकसभा सीटे चिन्हित की है जिन्हे वह जीतना चाहती है जो अतीत मे उसने कभी नहीं जीती है। रणनीतिकारो को डाटा क्रंचिग से पता चला है कि इन सीटो को जीतने के लिए अन्य दलों के नेताओं की जरूरत होगी, इसलिए भाजपा ने इस कार्य के लिए उच्चाधिकार प्राप्त चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के एक दर्जन सांसद और 40 विधायक आने वाले तीन सप्ताह मे भाजपा का रूख कर सकते है। खैर अखबार के इस दावे की सच्चाई भविष्य के गर्भ मे है।
विश्लेषक भाजपा की इस कवायद को पार्टी के कांग्रेस मुक्त अभियान के साथ जोड़कर देख रहे है। उनका कहना है कि भले तत्कालिक तौर पर चुनाव मे भाजपा को इसका लाभ हो सकता है, लेकिन इसके दूरगामी दुष्परिणाम भी हो सकते है। बड़ी संख्या मे बाहर से आए लोग पार्टी के पदों की मांग करेंगे और भाजपा के अपने समर्पित कार्यकर्ता अपने ही घर मे अपने को असहज महसूस करेंगे। मेरी समझ मे यह स्थिति पार्टी के भविष्य के लिए सुखद नहीं होगी। पार्टी नेतृत्व को ध्यान रखना होगा कि जो आज आ रहे है वह कल जा भी सकते है। आने वाले यह लोग समर्पित कार्यकर्ताओं की कीमत पर सत्ता का आनंद लेने के लिए आ रहे है।
मेरे विचार मे इन बाहरी नेताओं के बिना भी भाजपा के लिए परिस्थितियां अनुकूल है। दुसरा दुष्परिणाम होगा कथन है कि देश के मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी है। आज भी राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस की उपस्थिति है। कांग्रेस का कमजोर होने का अर्थ विपक्ष का कमजोर होना। मेरी समझ मे कमजोर विपक्ष न लोकतंत्र के हित मे है और न ही देश हित मे है। हर किसी के लिए पार्टी के दरवाजे खोलना न जरूरी है और न ही मजबूरी है। जैसे देश मे घुसपैठियों से देश की डेमोग्राफी के बिगड़ने का खतरा होता है। उसी प्रकार पार्टी मे बड़ी संख्या मे घुसपैठियों के आने से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है और संगठन की रचना बिगड़ने का खतरा हो सकता है।
#आज_इतना_ही।