*नईं शिक्षा नीति, शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिये सराहनीय पहल : परमार* *महापुरुषों के व्यक्तित्व और इतिहास की जानकारी भी दें अध्यापक*
पालमपुर, 12 फरवरी :- विधान सभा अध्यक्ष , विपिन सिंह परमार ने प्रशिक्षित अध्यापक संघ द्वारा नई शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय मंथन कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।
उन्होंने नई शिक्षा नीति पर मंथन पर आयोजित कार्यक्रम को संघ का सराहनीय कदम बताया और ऐसे कार्यक्रमों को स्कूल स्तर तक आयोजित करने पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी मिलने पर इसे प्रदेश में भी लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भारत में स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना है। इस नीति के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज शिक्षा नीति तक में बदलाव किया गया है। इस नीति के तहत बहुत से महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं और शिक्षा को रोजगारन्मुखी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के संपूर्ण विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए ये ज़रूरी है की शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए वक्त के साथ शिक्षा नीति में भी बदलाव किया जाता रहे। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 – नई शिक्षा नीति भी समय की मांग और जरुरत के हिसाब से देश की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के लिए लाई गयी है।
परमार ने कहा कि जीवन में चुनौतियों का सामना करने से ही श्रेष्ठता आती है और बिना चुनौती के जीवन नीरस होता है। उन्होंने कहा कि जो जीवन में चुनौती को स्वीकार करता वहीं जीवन में आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि नईं शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने का कार्य अब अध्यापकों के जिम्मे है और प्रदेश के अध्यापक इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा की जरूरतों और भारत के वैभव, इतिहास, परमपराओं और संस्कृति को पाठ्यक्रम में शामिल कर पूरे देश एक जैसी शिक्षा का प्रावधान किया गया है।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत गुरुओं, महान विभूतियों , देशभक्तों की धरती है। ऐसे महापुरुषों के व्यक्तित्व और इतिहास की जानकारी बच्चों देना सुनिश्चित करें। उन्होंने अध्यापकों से बच्चों के चरित्र निर्माण तथा उनके कौशल विकास के लिए विशेष ध्यान देने का आह्वान किया।
परमार ने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने की दिशा में विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्रदेश सरकार द्वारा अच्छी शिक्षा, बेहतर अधोसरंचना, श्रेष्ठ अध्यापक और सभी मूलभूत जरूरतों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया गया है ।
इससे पहले कार्यशाला में सदस्य टास्क फोर्स नईं शिक्षा नीति डॉ जोगिंदर सिंह ने मुख्यातिथि का स्वागत किया गया और विस्तार से नईं शिक्षा नीति की जानकारी दी। डाइट कांगड़ा के प्रधानाचार्य एवम परियोजना अधिकारी विनोद चौधरी मैं भी नई शिक्षा नीति पर विस्तार पूर्वक अपने विचार रखें तथा विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार का इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिए आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में संघ के जिला महासचिव ओंकार चौधरी वीर सिंह प्रयोजना समन्वयक भवारना अरुण कानूनगो, बीआरसी भवारना संदीप शर्मा, बीआरसी थुरल अरविंद, सुनीता कपिला, सुचारिता, किरण चौधरी, राजेश धीमान सहित 67 विद्यालयों के अध्यापक उपस्थित रहे।