सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को सौंपा मांग पत्र

ट्राई सिटी टाइम्स
बी. के. सूद, मुख्य संपादक, TCT
सीएसके हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को सौंपा मांग पत्र

पालमपुर, — चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर–176062 के “गैर-शिक्षण कर्मचारी संघ” ने विश्वविद्यालय की गंभीर समस्याओं को उजागर करते हुए प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को विस्तृत मांग पत्र सौंपा है।
मांग पत्र में कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए तीन प्रमुख मुद्दे उठाए हैं:
1. स्टाफ की भारी कमी – खाली पदों को शीघ्र भरने की मांग
मांग पत्र में उल्लेख किया गया है कि हर वर्ष लगभग 100 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय में केवल 30% स्टाफ ही कार्यरत रह गया है।
कुछ विभागों में स्थिति इतनी गंभीर है कि एक-एक कर्मचारी को कई प्रकार के दायित्व निभाने पड़ रहे हैं, जिससे दिन-प्रतिदिन का कार्य सुचारू रूप से चलाना बेहद कठिन हो गया है।
कर्मचारी संघ ने रिक्त पदों को तत्काल भरने की अनुमति देने की मांग की है।
2. प्रति माह लगभग 2 करोड़ रुपये अनुदान की कमी
कर्मचारी संघ का कहना है कि विश्वविद्यालय को हर महीने आवश्यक कुल अनुदान के मुकाबले लगभग 2 करोड़ रुपये कम राशि जारी की जा रही है।
इस वित्तीय कमी के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन लंबे समय से लंबित कर्मचारियों के विभिन्न भुगतान जारी नहीं कर पा रहा है।
कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री से अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है ताकि वित्तीय संकट समाप्त हो सके।
3. वेतन 1 तारीख को जारी न होने से कर्मचारियों की दिक्कतें बढ़ीं
कर्मचारी संघ ने बताया कि पिछले कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन 1 तारीख को नहीं, बल्कि 8 से 10 तारीख के बीच दिया जा रहा है।
इस देरी के कारण कई कर्मचारियों के बैंक लोन की EMI समय पर नहीं जा पाती, जिससे बैंक जुर्माना लगाते हैं और खाते को डिफॉल्टर की श्रेणी में डाल देते हैं।
इसके अलावा बच्चों की फीस, घर का किराया और अन्य मासिक खर्चों के कारण कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारी संघ ने आग्रह किया है कि वेतन हर महीने की 1 तारीख को जारी किया जाए।
कर्मचारी संघ ने आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री इन महत्वपूर्ण मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेकर विश्वविद्यालय कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेंगे।



