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*Tricity times special सप्तम नवरात्रि को मां कालरात्रि की स्तुति व पूजा अर्चना की जाती है या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥*

सप्तम नवरात्रि को मां कालरात्रि की स्तुति।।

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या देवी सर्वभू‍तेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

आदिशक्ति मां भवानी का सातवां स्‍वरूप कालरात्रि का है। माता का यह रूप भय से मुक्ति देने वाला है। धर्म वैज्ञानिक पंडित वैभव जोशी के अनुसार कालजयी, शत्रुओं का दमन करने वाली, चंड-मुंड का संहार करने वाली और भक्तों को अभय प्रदान करने वाली मां काली के आधीन सारा जग है। भगवती की समस्त शक्तियां उनके अधीन हैं।

मां दुर्गा के सातवीं स्वरूप और चार भुजाओं वाली मां कालरात्रि असुर रक्तबीज का संहार करने के लिए उत्पन्न हुई थीं. आप सभी को बता दें कि मां कालरात्रि को शुभंकरी भी कहते हैं और आपको मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के लिए नीचे दिए गए उनके बीज मंत्र, स्तुति, प्रार्थना मंत्रों का जाप करना चाहिए. जो हम आपको बताने जा रहे हैं. कहते हैं चैत्र नवरात्रि के सांतवे दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. केवल इतना ही नहीं इस दिन किए गए अपने शुभ कर्मों के शुभ फल की प्राप्ति होती है. जी दरअसल मां कालरात्रि का स्वरूप अद्भुत है और उनका शरीर कृष्ण वर्ण यानी काले रंग का है, इसलिए भी उनको कालरात्रि के नाम से पुकारते हैं.

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