Editorial

*Editorial:- क्या नेताओं और उच्च अधिकारियों तथा सरकारी गाड़ियों पर वीआईपी नंबर होना आवश्यक है?*

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*Editorial:- क्या नेताओं और और उच्च अधिकारियों तथा सरकारी गाड़ियों पर वीआईपी नंबर होना आवश्यक है?*

हसीन ख्वाब देखने में कोई बुराई नहीं है, मेरे किसी दोस्त ने कहा कि अगर मैं HAS या IAS होता तो मैं PSO ना लेता, मैं अपनी गाड़ी पर VIP नंबर ना लेता और अपना सरकारी गाड़ी का VIP नम्बर 8 लाख में बेचकर उसे सरकारी खजाने में जमा करवा देता ताकि उन आठ लाख से 8 परिवारों का जीवन सुधर जाता ।

और अपनी गाड़ी पर सिर्फ एसडीएम ही लिखवाता क्योंकि एसडीएम लिखे जाने का ज्यादा महत्व है ना कि वीआईपी नंबर का ।
मैं लोगों से खुलकर बात करके उनकी समस्याओं को सुनता समाधान हो पाता या ना हो पाता परंतु उनके समस्याओं का अवश्य सुनता।

चलो यह तो एक पंच तंज था दिग्स्वपन था  क्या सचमुच सरकारी गाड़ियों पर वीआईपी नंबर होने चाहिए? अगर यही वीआईपी नंबर जो सरकारी गाड़ियों पर लगे हुए हैं पब्लिक में नीलाम कर दिया जाए तो सरकार को लाखों नहीं करोड़ों की इनकम हो सकती है।

हमने तो यहां तक देखा है कि रोड रोलर और ट्रकों पर भी वीआईपी नंबर लगे हुए हैं क्योंकि सरकारी अधिकारियों पर पहले ही सरकार के विभाग के स्टीकर लगे होते हैं उनका पद नाम लिखा होता है तो उन गाड़ियों की पहचान वैसे ही वीआईपी बन जाती है। तो क्यों ना यह वीआईपी नंबर आम जनता में नीलाम कर के घाटे से जूझ रही सरकार को करोड़ों की इनकम क्यों ना करवाई जाए ?यदि सरकार मेरे इस छोटे से सुझाव को मान ले तो कोई बहुत बड़ा हॉस्पिटल बन जाए, 50 -100 नौजवानों को नौकरी मिल जाए.

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