*केजरीवाल_की_आम_आदमी_पार्टी_गुजरात_मे_कांग्रेस_का_विकल्प_बनती_हुई_दिखाई_दे_रही_है*
4 सितंबर 2022– (#केजरीवाल_की_आम_आदमी_पार्टी_गुजरात_मे_कांग्रेस_का_विकल्प_बनती_हुई_दिखाई_दे_रही_है) —
निकट भविष्य मे हिमाचल और गुजरात मे विधान सभा के चुनाव होगें। हिमाचल और गुजरात मे आम आदमी पार्टी अपनी उपस्थिती दर्ज करवाने के लिए प्रयासरत है। पंजाब चुनाव के तुरंत बाद आम आदमी पार्टी खूब चर्चा मे थी लेकिन समय के साथ चर्चा थमती चली गई और आप पार्टी कदम ताल करती दिखाई दे रही है, लेकिन मिडिया रिपोर्ट की बात करें तो गुजरात से जो खबरे आ रही है उसके अनुसार आम आदमी पार्टी कांग्रेस की कीमत पर आगे बढ़ रही है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल आज कल गुजरात मे अधिक समय लगा रहे है। वहां वह अपने आप को अधिक हिन्दू समर्थक और साथ ही अल्पसंख्यक समुदाय के शुभचिंतक के तौर पर पेश कर रहे है। गुजरात मे आप पार्टी सोची समझी रणनीति के अंतर्गत जिला स्तर के कांग्रेस नेताओं पर ध्यान केंद्रित कर उन्हे अपने साथ लाने के लिए प्रयासरत है। आप पार्टी कांग्रेस के किसी भी वरिष्ठ नेता को आम आदमी पार्टी मे शामिल होने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर रही है। कांग्रेस की निष्क्रियता के चलते आप पार्टी मध्य स्तर के नेताओं को अपनी और आकर्षित करने मे सक्ष्म है।
केजरीवाल चतुर राजनेता है। वह जानते है कि गुजरात मे राजनीति करने के लिए अपनी हिन्दू छवि बनाए रखनी जरूरी है। इसलिए देवभूमि द्वारका जिले के द्वारका शहर मे किसानों को संबोधित करने से पहले उन्होने श्री द्वारकाधीश मंदिर मे पूजा अर्चना की। केजरीवाल ने गुजरात के किसानों से कर्ज माफी का वादा किया और एम.एस.पी पर किसानों की उपज खरीदने के लिए तंत्र खड़ा करने की भी बात कही। गुजरात मे शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ किसानों की बात कर वह अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे है। वह वहां अपने को भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगा कर सहानुभूति लेने की भी कोशिश कर रहे है। अभी तक राजनैतिक विश्लेषकों का मत है कि आम आदमी पार्टी केवल कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की स्थिति मे है और वह अभी कांग्रेस का विकल्प बनती हुई दिखाई दे रही है। मेरे विचार मे भाजपा वहां लम्बे समय से सत्तारूढ़ है और हर सत्तारूढ़ पार्टी के विरोध मे कुछ मतदाताओं का होना स्वाभाविक है। अब उन सत्तारूढ़ विरोधी मतों का विभाजन आप और कांग्रेस मे हो जाएगा। भले आप कांग्रेस का विकल्प बन जाए लेकिन विभाजन का लाभ भाजपा को हो सकता है। यह आंकलन कितना सही है इसके लिए चुनाव परिणाम का इतंजार करना होगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।सोफत सोलन