*गोलोक एक्सप्रेस में आइए दुख दर्द भूल जाइए एबीसीडी की भक्ति में लीन होकर नित्य आनंद पाइए*
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प्रिय पाठको जैसा कि आप सब जानते हैं हम सब पिछले कुछ लेखों में संपूर्ण स्वास्थ्य और संपूर्ण खुशी नामक मॉडल पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं | आधुनिक दुनिया में लोग आमतौर पर समझते हैं कि धन-संपत्ति जोड़कर ही खुशी प्राप्त की जा सकती है और इसीलिए सभी पैसे के पीछे भाग रहे हैं | हम पैसा कमाने के चक्कर में पड़ जाते हैं और इसका उपयोग हम अपने इंद्रिय तृप्ति के लिए करते हैं जिससे हमें कभी भी संतुष्टि नहीं मिलती है | तो फिर हमें संपूर्ण तृप्ति कहां मिलेगी और कैसे मिलेगी ? हम संपूर्ण स्वास्थ्य के पहले अंक आध्यात्मिक स्वास्थ्य , दूसरे अंक मानसिक स्वास्थ्य , तीसरे अंक शारीरिक स्वास्थ्य और चौथे अंक पारिवारिक स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं | आज हम संपूर्ण स्वास्थ्य और संपूर्ण खुशी के अंतिम और महत्वपूर्ण अंक यानी आर्थिक स्वास्थ्य चर्चा करेंगे |
आर्थिक स्वास्थ्य :
इस भौतिक दुनिया में रहते हुए वित्त (अर्थ / पैसा )बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | हमें बहुत से खर्चों की व्यवस्था करनी पड़ती है | जैसे कि बिलों का भुगतान करना , हमारे बच्चों के लिए स्कूल की फीस भरना , घर खर्च और एक अच्छा घर खरीदने के लिए पैसों की व्यवस्था करना आदि | इसमें कोई शक नहीं कि पैसों का जीवन में बहुत अधिक महत्व है | परंतु अधिकांश समय लोग सोचते हैं कि परिवार में खुशी और शांति लाने के लिए यही एकमात्र महत्वपूर्ण कारक है | इसलिए जब उनके पास ज्यादा पैसा होता है तो वह इसे अत्यधिक मनोरंजन पर खर्च करना शुरू करते हैं जैसे की फिल्में देखना , पार्टियों में जाना , पेय लेना इत्यादि और इसलिए बहुत सारा पैसा और समय केवल विनाशकारी गतिविधियों में बर्बाद कर देते हैं |℅जब हमारा आध्यात्मिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है , तो हम विनाशकारी गतिविधियों को भक्ति से जुड़ी गतिविधियों में परिवर्तित करना सीखते हैं, हमारे अवांछित खर्च अपने आप कम हो जाते हैं जिससे हमारी वित्तीय स्वास्थ्य में खुद ब खुद ही सुधार आ जाता है | इसके अलावा जब हम मानसिक रूप से मजबूत होते हैं , हमारे कार्यस्थल में बेहतर उत्पादकता होती है जो कि निश्चित रूप से हमें आर्थिक रूप से विकसित करने में मदद करता है |
जब हमारी अध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार होता है तो स्वता ही हमारी मानसिक स्वास्थ्य , शारीरिक स्वास्थ्य, पारिवारिक स्वास्थ्य और आर्थिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है | आज दुनिया के अधिकांश लोग अपने जीवन में निराश हैं और हमेशा यह महसूस करते हैं कि सब सुख सुविधाएं होने के बावजूद भी जीवन में अधूरापन है | इसका स्पष्ट कारण है कि हमने अपने आध्यात्मिक और मानसिक स्वास्थ्य को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है | हम सोचते हैं कि धन ही एकमात्र महत्वपूर्ण कारक है और यदि हम अधिक से अधिक धन कमाएंगे तो हम निश्चित रूप से खुश हो जाएंगे | लेकिन वास्तव में हमें संपूर्ण स्वास्थ्य और संपूर्ण खुशी के सभी उपयुक्त घटकों पर अपना ध्यान केंद्रित करने की और उनके बीच एक अच्छा संतुलन बनाने की आवश्यकता है | प्रभु की कृपा से , और निरंतर अभ्यास से जब हम इस संतुलन को स्थापित करने के प्रयास में सफल होंगे तभी हम जीवन में संपूर्ण खुशी का अनुभव करेंगे | इसलिए पाठको जब भी हम आध्यात्मिकता के पथ पर आगे बढ़ते हैं, तो प्रभु श्री हरि की कृपा से हम आर्थिक रूप से भी मजबूत होते हैं और असीम शांति को अनुभव करते हैं | मैं आप सबके साथ एक यूट्यूब लिंक शेयर कर रही हूं , जिसमें गोलोक एक्सप्रेस के एक बहुत प्यारी भक्त डॉक्टर मंजूषा अग्रवाल ने आध्यात्मिकता के पथ पर बढ़ते हुए आर्थिक उन्नति के अनुभव को साझा किया है कि जब से उन्होंने गोलोक एक्सप्रेस को ज्वाइन किया है और वह नित्य निरंतर सत्संग श्रवण कर प्रभु श्री हरि की सेवा कर रही हैं , तब से वह अपने जीवन में संपूर्ण खुशी का अनूठा अनुभव कर रही हैं |
उपरोक्त से यह सिद्ध होता है कि जब तक कोई संपूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं होगा , तब तक वह संपूर्ण खुशी का अनुभव नहीं कर सकता |
प्रिया पाठको अगले लेख में हम आध्यात्मिक स्वास्थ्य के चार स्तंभ- सत्संग, साधना, सेवा और सदाचार के बारे
में बारी – बारी से चर्चा करेंगे , कि हम आध्यात्मिक स्वास्थ्य को कैसे सुधार सकते हैं |
इसलिए अगर आप भी हमारी तरह घर बैठे बैठे सत्संग श्रवण कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर गोलोक एक्सप्रेस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए | आपको सोमवार से शुक्रवार सुबह 5:30 से 6:30 a.m.
लाइव सत्संग मिलेगा जिसमें सोमवार को महान कवियों द्वारा रचित दोहों की व्याख्या की जाती है, मंगलवार को रामायण की कथा तथा बुधवार, वीरवार और शुक्रवार को श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करवाया जाता है तथा शनिवार और रविवार को रात 8:00 बजे समग्र शिक्षा के ऊपर सत्संग करवाया जाता है | आप फेसबुक पर भी गोलोक एक्सप्रेस पेज पर जाकर सत्संग का लाभ उठा सकते हैं तथा 701 832 6121 पर
भीसंपर्क करके अपने वक्त और सुविधा अनुसार घर बैठे बैठे श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कर सकते हैं|
गोलोक एक्सप्रेस में आइए दुख दर्द भूल जाइए एबीसीडी की भक्ति में लीन होकर नित्य आनंद पाइए 🙏🙏🙏