Mandi/ Palampur/ DharamshalaHimachal
*राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर और बीमारी को कम करना और टीबी के संक्रमण के फैलने से रोकना है,: डॉक्टर गुरदर्शन गुप्ता सीएमओ कांगड़ा*
दिनांक 12.9.2022 को जारी प्रेस विज्ञप्ति मे मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला कांगड़ा ,डॉ गुरुदर्शन गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य टीबी के कारण होने वाली मृत्यु दर और बीमारी को कम करना और टीबी के संक्रमण के फैलने से रोकना है ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग टीवी के उन्मूलन के लिए महत्वपूर्ण अभियान है जिसका उद्देश्य टीवी के मरीज को अति शीघ्र ढूंढना और उसका इलाज करना है जिला कांगड़ा मे एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान 12 सितंबर से आरंभ होगा और जिस का समापन 2 अक्टूबर को होगा. यह अभियान जिला कांगड़ा के 13 स्वास्थ्य खंडों में चलेगा जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सारी तैयारियां कर ली हैं ! इस अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने माइक्रो प्लान तैयार कर लिया है! उन्होंने कहा कि इस अभियान मे स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अपने क्षेत्र में घर घर जाकर संभावित टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान की जाएगी तथा उनका बलगम जांच के लिए लैब में भेजेगी। इस अभियान में जिला कांगड़ा के अंदर 1824 टीमों का गठन किया है जोकि जिला कांगड़ा में 16 लाख आबादी को कबर करेगी! इस अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम हर एक घर का दौरा करेंगी और स्क्रीनिंग कर संभावित टीवी के रोगी की बलगम जांच सुनिश्चित करेगी! इस के साथ जिला कांगड़ा के हर क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा टीवी रोग के लिए जन जागरण जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा!
इस अभियान में हाई रिस्क पापुलेशन की प्राथमिकता के आधार पर टीवी के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी!मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला कांगड़ा की जनता से यह अपील की वह इस अभियान मैं अपना योगदान देकर को सफल बनाएं ताकि जिला कांगड़ा को टीवी रोग मुक्त किया जा सके
इस अभियान में हाई रिस्क पापुलेशन की प्राथमिकता के आधार पर टीवी के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी!मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला कांगड़ा की जनता से यह अपील की वह इस अभियान मैं अपना योगदान देकर को सफल बनाएं ताकि जिला कांगड़ा को टीवी रोग मुक्त किया जा सके
उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा में 43 स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच मुफ्त में की जाती है वह जिला कांगड़ा के अंदर बिगड़ी हुई टीबी की जांच के लिए 16 अत्याधुनिक मशीनें जिला में अलग-अलग जगहों पर उपलब्ध है।