जनमंच

*जनमंच: लेखक उमेश बाली दूरदराज के ग्रामीणों की समस्या*

1 Tct
Tct chief editor

*जनमंच: लेखक उमेश बाली दूरदराज के ग्रामीणों की समस्या*

सत्य का कड़वापन तब दिखाई देता है जब लोगो को आज भी कई राज्यों के गांवो में आज भी दूर दराज से पानी लाना पड़ता है । आज भी प्रबंधन की कमी के कारण हर गांव या कस्बे में पांच सात घर ऐसे हैं जिनमें पानी नही । हैरानी की बात है स्वच्छ पानी तो दूर की बात है , आम जल भी उपलब्ध नहीं । बहुत से गांव ऐसे भी है जहां पानी की समस्या तो है लेकिन विभाग ने बडी चालाकी से पंचायतों से एनओसी ले लिए । ऐसा ही पिछली सरकार में शायद टीसीपी वालों ने किया । यह कड़वी वास्तविकता है । सबसे बडी हैरान करने वाली बात है की विभाग अपने सर इल्जाम ही नही लेता कि उसकी कमियां है । विभाग बीना योजना के कार्यशील हैं , यहां टैंक बना दो यहां पाइप बदल दो कनेक्शन यहां की बजाय उपर से दे दो लेकिन समस्या का कोई हल नहीं । न ही प्रबंध सही न ही बंटवारा सही । कुछ लोगो को 12 से पंद्रह घंटे पानी और कुछ लोगो दो बूंद भी नही । यह हाल है विकास का । विभाग से शिकायत करो , तो रटा रटाया सा उत्तर मंत्री से बात कीजीए या विधायक से । जन प्रतिनिधि की बेबसी यह है को उन्हे नही मालूम की कोण सी पाइप में क्या जुगाड विभाग ने किया है । फिर विभाग नई डीपीआर बनाता है पैसा भी मिल जाता है लेकिन समस्या वहीं की वहीं । ऐसा भी हुआ है कि विभाग ने टैंक बना दिए लेकिन पानी के स्रोत की तलाश जारी है । मैं एक रिपोर्ट तैयार करने वाला हूं और तथ्यों सहित आगामी दिनों में लिखूंगा । कड़वा सत्य यही है कि बहुत सारी महिलाओ को इस सदी में भी पानी सर पर ढोना पड़ रहा है ।

Umesh Bali Tct

Related Articles

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button