*सत्तारूढ दल मे बगावत भी और भीतरघात भी*
सत्तारूढ दल मे बगावत भी और भीतरघात भी।)
18 नवम्बर 2022- ( सत्तारूढ दल मे बगावत भी और भीतरघात भी।) – इस बार के चुनाव मे भाजपा जहां बगावत से त्रस्त रही वही बडे पैमाने पर भीतरघात की आशंका जताई जा रही है। सोशल नेटवर्किंग पर भाजपा के बडे नेता का कथित आॅडियो वायरल हो रहा है। हालांकि मैं इस आॅडियो की सत्यता की पृष्टी नही कर सकता हूँ । लेकिन इसको भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह का बताया जा रहा है। कभी अनुशासन के लिए प्रतिबद्धता रखने वाली पार्टी के लिए बडे पैमाने पर बगावत और बडे नेता के द्वारा भीतरघात भाजपा के लिए चिंता का कारण है। मै स्वय 1998 मे भीतरघात का शिकार हो चुका हूँ और 2003 मे बगावत करने के लिए मजबूर हो चुका हूँ। मेरा अनुभव कहता है कि भीतरघात किसी पार्टी के लिए अधिक घातक होता है। 2003 मे मेरे द्वारा की गई बगावत के पीछे की पृष्ठभूमी सर्वविदित है। इसलिए आज उस पर टिप्पणी करना गैर जरूरी है। अपनी कहानी को यही विराम देते हुए कथित आॅडियो की बात को आगे बढाते है। इसमे भाजपा के वरिष्ठ नेता ठाकुर गुलाब सिंह दूसरे व्यक्ति से बात करते टिकट न मिलने पर अपनी नराजगी जताते है। वह कहते है कि पार्टी ने हमसे ज्यादती करके पैसे वाले को टिकट दिया है। दूसरी और उत्तर मिलता है कि पार्टी ने आपको पूरा मान- सम्मान दिया तथा सरकार मे रहते हुए अहम पद पर बिठाया। इसके ठाकुर साहब कहते वह अपने बलबूते अहम पद तक पहुंचे थे, न कि किसी के अहसान से यह पद हासिल किया था। ठाकुर साहब से मै 1977 से परिचित हूँ जब वह जनता पार्टी के टिकट पर पहली बार जोगेंद्रनगर से विधायक बने थे। 1980 मे जनता पार्टी मे विघटन हुआ और वह कांग्रेस मे चले गए। फिर वह कांग्रेस से विधायक बनते रहे। 1998 मे वह कांग्रेस के टिकट से जीते लेकिन पंडित सुखराम के निकट होने के चलते एक विशेष रणनीति के चलते भाजपा और हिमाचल विकास कांग्रेस के सहयोग से विधान सभा के अध्यक्ष बन गए। इसी बीच वह भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल जी के रिश्तेदार बन गए और भाजपा की राजनीति करने लगे। स्मरण रहे भाजपा के युवा नेता और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर गुलाब सिंह जी के दामाद है। 2017 मे गुलाब सिंह जी जोगेंद्रनगर से निर्दलीय चुनाव लड रहे प्रकाश राणा से चुनाव हार गए थे। इस बार भाजपा ने राणा के अपना उम्मीदवार बनाया है। अब फोन कर उसे हराने और टिकट न देने का बदला लेने की बात की जा रही है। आज धूमल परिवार जिसमे ठाकुर गुलाब सिंह जी का परिवार भी शामिल है भाजपा मे सबसे प्रभावशाली और लाभार्थी परिवार है। ठाकुर गुलाब सिंह भी कोई साधारण व्यक्ति नही है वह भाजपा और कांग्रेस दोनो पार्टीयो के सहयोग से उच्च पदो पर विराजमान रहे है। फिर उनका यह दावा कि वह अपने बलबूते के कारण अहम पदो पर रहे है। फिर तो पार्टी टिकट का उनके लिए कोई महत्व नही होना चाहिए। खैर जब इस तरह के राजनीति के लाभार्थी पार्टी अनुशासन को धता बता सकते है तो साधारण कार्यकर्ता से अनुशासन की अपेक्षा कैसे की जा सकती है। आज इतना ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।