*जघन्य_अपराध_के_दोषियों_के_साथ_सहानुभूतिपूर्वक_व्यवहार_कहां_तक_उचित लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश*
19 नवम्बर 2022- (#जघन्य_अपराध_के_दोषियों_के_साथ_सहानुभूतिपूर्वक_व्यवहार_कहां_तक_उचित)-
राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के बाद यह चर्चा होना स्वभाविक है कि इस प्रकार के जघन्य अपराध के दोषियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार कहां तक उचित है। यह रिहाई हमारी न्यायिक प्रक्रिया की पोल भी खोलती है। स्मरण रहे इन दोषियों को पहले मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस आधार पर कि लम्बे समय तक उनकी दया याचिकाओं पर महामहिम राष्ट्रपति ने कोई निर्णय नही किया था तो उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास मे बदल दिया गया था। मेरी समझ मे नही आता कि हम ऐसे राष्ट्रपति का चुनाव क्यों करते है जो दयायाचिका पर सटीक निर्णय लेने मे सक्ष्म न हो। यहां एक बात दर्ज करना जरूरी है कि पूर्व राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल मे एक भी दया याचिका का निपटान नहीं किया था। इन दोषियों की रिहाई मे सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा एक महिला दोषी नलिनी श्रीहरण के प्रति दिखाई गई सहानुभूति को भी जोड़ कर देखा जाता है। याद रहे प्रियंका गांधी ने नलिनी से जेल मे मुलाकात भी की थी। यह देश के पूर्व प्रधान मंत्री की हत्या से जुड़ा मामला है। इसलिए इसको डील करते हुए भावनाओं से ऊपर उठना अति आवश्यक था।
मुझे जानकारी नहीं कि सुप्रीम कोर्ट ने इन छह दोषियों की रिहाई के आदेश देते हुए किस कानून का सहारा लिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रिहाई का आदेश एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन मामले के आधार पर दिया गया है। इस पर विवेचनात्मक परिक्षण के बाद टिप्पणी कोई कानून का जानकार ही कर सकता है। रिहाई पाने वाले दोषियों मे चार श्रीलंकाई नागरिक है। अब केंद्र सरकार ने हत्यारों की रिहाई के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की है। फैसले को न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के खिलाफ बताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का पक्ष नहीं सुना गया। मेरे विचार मे इस मामले के दो पक्ष है और दोनो के अपने अपने तर्क है, लेकिन इस रिहाई के लिए कहीं न कहीं तमिल राजनीति भी एक कारगर भूमिका निभा रही थी। केंद्र के इस तर्क मे भी दम है कि रिहाई पाने वालो मे चार विदेशी है और ऐसे मे इसका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव भी है। खैर अब समीक्षा याचिका पर सुप्रीम कोर्ट क्या रूख अपनाता है। उसका विश्लेषकों को इतंजार है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।