सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में कुछ डॉक्टर कर रहे कमाल!
सिविल हॉस्पिटल पालमपुर के कुछ डॉक्टर अपने कर्तव्य के प्रति कितने जागरूक और समर्पित हैं कि वह बड़े-बड़े हॉस्पिटल से निराश हुए मरीजों का इलाज भी बड़े सही ढंग और निजी तवज्जो से करते हैं।
अभी हाल ही की घटना में एक एक मरीज के तीमारदार में Tricity times से एक विशेष भेंट में बताया कि उनकी पत्नी को हृदय रोग के कारण कई हॉस्पिटलों के चक्कर लगाने पड़े। जिसमें फॉर्टिस हॉस्पिटल मोहाली टांडा मेडिकल कॉलेज से लेकर अन्य हॉस्पिटल तक शामिल हैं और उन हॉस्पिटल ने इलाज तो किया लेकिन मरीज को फर्क नहीं पड़ा ।
अचानक आई एमरजैंसी की घड़ी में उन्होंने अपनी पत्नी श्रीमती सीमा कौर को सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में डॉक्टर उमेश कश्यप को चेकअप के लिए दिखाया।
श्रीमती गौर की हालत बेहद नाजुक थी तथा वह व्हीलचेयर पर भी ,वह बामुश्किल से सांस ले पा रही थी तथा उनका शुगर लेवल भी 300 से ऊपर था और बी पी भी बहुत हाई चल रहा था। दूसरे अन्य वाइटल भी काफी नाजुक स्थिति में थे ।
डॉक्टर उमेश कश्यप ने उन्हें तुरंत इमरजेंसी में एडमिट किया उनके इसीजी की इको किया व अन्य जो भी जरूरी ट्रीटमेंट था वह शुरू किया। सबसे पहले उनकी शुगर को कंट्रोल में किया गया यहां तक कि डॉ उमेश ने उन्हें रात को 2:00 बजे तक अपने निजी ऑब्जर्वेशन में रखा। हॉस्पिटल से लगातार फीडबैक लेते रहे ताकि मरीज में अगर कुछ भी थोड़ी सी भी कोई परेशानी हो तो उसे तुरंत से सही किया जा सके और मरीज को त्वरित इलाज दिया जा सके ।
डॉ उमेश कश्यप ने मरीज को लगभग पांच-छह दिन तक अपने ऑब्जरवेशन में सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में ट्रीटमेंट किया और उसके बाद जब वह स्वस्थ हो गए तो उन्हें डिस्चार्ज करके वापिस घर भेज दिया। श्रीमती कौर के पति ने बताया कि वह इतने बड़े-बड़े हॉस्पिटलों में और लाखों रुपए का खर्च करने के बाद भी कुछ हासिल नहीं कर पाए जबकि सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में फ्री में इलाज हुआ और उनकी पत्नी पहले से बहुत बेहतर हो गई जबकि इतने बड़े बड़े हॉस्पिटल में उन्हें कोई विशेष स्वास्थ्य लाभ नहीं मिला।
उन्होंने डॉ उमेश कश्यप का तहे दिल से आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर सभी डॉक्टर इसी तरह से हर मरीज के प्रति इतने संवेदनशील और निजी तवज्जो देने वाले बने तो कोई कारण नहीं कि गरीब लोगों को महंगे हॉस्पिटल में जाकर लाखों रुपए खर्च करने पड़े ,और वे परेशान हों, इसके अतिरिक्त उन्होंने डॉक्टर उमेश कश्यप का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि उन्होंने जो लाखों रुपए इधर-उधर के हॉस्पिटलों में खर्च किए उन सब का फल आखिरकार सिविल हॉस्पिटल में प्राप्त हुआ और अगर वह सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में ना आए होते तो शायद उनके और कुछ के लाख खर्च हो जाते ।