Editorial

Editorial:*सोशल_मीडिया_के_दुरुपयोग_और_भ्रामक_प्रचार_से_सावधान* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री

1 Tct

13 अप्रैल 2024- (#सोशल_मीडिया_के_दुरुपयोग_और_भ्रामक_प्रचार_से_सावधान)–

Tct chief editor

आज का समय सूचना और आंकडो का समय है। वह व्यक्ति और संगठन सबसे महत्वपूर्ण है जिसके पास सटीक सूचनाएं है और जो व्यक्ति या संगठन सूचना तंत्र को कंट्रोल या संचालित करने की क्षमता रखता है वह महत्वपूर्ण ही नही अपितु शक्तिशाली है। कभी सूचना और खबर का स्रोत थे अखबार और रेडियो फिर टेलीविजन आया लेकिन इस पर सरकार का एकाधिकार था। पिछ्ले तीन दशक मे निजी क्षेत्र मे सैंकड़ों चैनलो के आने के बाद सूचना के क्षेत्र मे बड़ा परिवर्तन आया है। एक तरफ उनमे आपसी प्रतिस्पर्धा थी तो दूसरी तरफ उसे कंट्रोल करने के लिए गंभीर प्रयास किए गए। एक धारणा यह है कि मीडिया विशेषकर इलैक्ट्रानिक मीडिया स्वतन्त्र नहीं है और इसे अदृश्य शक्तियों द्वारा कंट्रोल किया जाता है। वर्तमान मे जहां सूचना का महत्व है वहीं आंकडो का भी महत्व बढ़ा है, इसलिए बहुत से पेशेवर आंकडे जुटाने वाले इस के काम मे सक्रिय है। मीडिया अपनी बात के समर्थन मे आंकड़ो को परोसने लगा है, फिर इन आंकड़ों की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े भी होने लगे। इन आंकड़ो का सबसे अधिक उपयोग सोशल नेटवर्किंग पर हो रहा है। हालांकि सोशल नेटवर्किंग का आना सूचना के क्षेत्र मे क्रांतिकारी परिवर्तन था। अगर मोबाइल आपकी जेब मे है तो समझो दुनिया आपकी जेब मे है। गूगल का अर्थ है कि आपकी अधिकांश जानकारियों तक पहुंच है। इसके साथ हर खबर अखबार मे छपने से पहले सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से आपके पास होती है।

सोशल साइट्स का सकारात्मक पक्ष है कि आपके पास बिजली की गति से सूचनाएं पहुंच रही है, लेकिन दूसरा पक्ष है कि सोशल मंचो का दुरुपयोग हो रहा है। सोशल नेटवर्किंग पर वह सब भी परोसा जा रहा जो समाज के हित मे नहीं है। किसी के बारे मे भी आधारहीन आरोप लगा कर पोस्ट डाल दी जाती है और उसका सोशल मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सोशल मीडिया मंचो के दुरुपयोग करने और अदालतों मे विचाराधीन मामलो पर संदेशो, टिप्पणियों और आलेखो द्वारा भ्रामक प्रचार करने का संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस प्रकार की बढ़ती प्रवृति पर चिंता व्यक्त की है। मेरी समझ मे जहां अधिक से अधिक सूचनाएं रखना अच्छा है और लाभप्रद है वही गलत सूचना रखना घातक है। इसलिए सूचना के स्रोत की विवेचना अति आवश्यक है। मेरे विचार मे सोशल साइट्स से प्राप्त सूचना का क्रॉस चैक अनिवार्य है। सूचना रखे लेकिन उसकी सत्यता के बारे मे सजग रहें।

#आज_इतना_ही।

Mohinder Nath Sofat Ex.Minister HP Govt.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button