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*होली के पावन पर्व पर आप सभी को होली की अग्रिम ढेरों शुभकामनाएं*tricity times*

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होली के पावन पर्व पर आप सभी अग्रज एवं अनुज भाइयों एवं बड़ो को होली की ढेरों शुभकामनाएं ये होली आपके दिलो से नफरत की मैल निकाल कर प्यार का अमृत भरे। उस उपलक्ष्य पर एक नई रचना आप सभी के लिये
हैप्पी होली

होली

मुखड़ा

आओ मिलके सब खेले होली
भूले सब नफरत की बोली
रंजिशों को कर दो दफ़न
खुशियों की पिचकारी बोली।
आओ मिलके सब खेले होली।

अंतरा-1

चाहतों का उड़ाओ गुलाल।
रखो ना तुम दिल मे मलाल।
गुजिया खाओ रंग लगाओ।
पीके भांग होली पे गाओ।
पिचकारी में भर के मोहब्बत
देखो चली रंगों की टोली।
आओ मिलके सब खेले होली।
भूले सब नफरत की बोली
रंजिशों को कर दो दफ़न
खुशियों की पिचकारी बोली।
आओ मिलके सब खेले होली।

अंतरा -2

अहम का दंश दफन कर डालो।
दुश्मन को भी गले लगा लो।
सारे शिकवे सारी लड़ाई।
भूल के सब बन जाओ भाई।
जाने कब रब के द्वारे को
निकल पड़े किसकी डोली।
आओ मिलके सब खेले होली।
भूले सब नफरत की बोली
रंजिशों को कर दो दफ़न
खुशियों की पिचकारी बोली।
आओ मिलके सब खेले होली।

अंतरा- 3

होलिका दहन पे सबसे गुजारिश।
नफरत ईर्ष्या करो डालो स्वाहा।
उस जलती अग्नि की शपथ लो।
अब प्रेम की हम बनाएगे राह।
उस  प्रेमपथ के रथ पर चढ़के।
करँगे हम आपस मे ठिठोली।
आओ मिलके सब खेले होली।
भूले सब नफरत की बोली
रंजिशों को कर दो दफ़न
खुशियों की पिचकारी बोली।
आओ मिलके खेले होली।

Vinod sharma vats (tct)

विनोद वत्स की कलम से

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