*क्या_केन्द्रीय_सरकार_सीबीआई_और_ईडी_का_कर_रही_दुरुपयोग, महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
13 मार्च 2023- (#क्या_केन्द्रीय_सरकार_सीबीआई_और_ईडी_का_कर_रही_दुरुपयोग ?)-
विरोध पक्ष के लोग लगातार केन्द्र सरकार पर इन जांच एजेंसियों के दुरुपयोग करने और इनका इस्तेमाल विरोध पक्ष के नेताओं को परेशान करने के लिए करने के आरोप लगा रहे है। मेरे ब्लॉग पर भी हर रोज दर्जनों लोग टिप्पणियां करते है और उनमे से कुछ लोग विपक्ष के इन आरोपों का समर्थन करते है, लेकिन अभी तक विपक्ष अपने इन आरोपों को साबित करने मे असफल रहा है। जिन नेताओं पर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय कार्यवाई कर रहे है वह भी अदालतों से राहत पाने मे सफल नहीं हो सके है। मै सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय भाजपा की केन्द्रीय सरकार द्वारा दुरुपयोग करने का आरोप लगाने वालो का ध्यान अखबारों में छपी लालू प्रसाद परिवार पर छापेमारी मे मिली सम्पति की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। इन छापों के दौरान एक करोड़ की अघोषित नकदी जब्त की गई है और 600 करोड़ की सम्पति का पत्ता चला है। एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए यह सही है, लेकिन किसी का राजनीति मे सक्रिय होना उसे भ्रष्टाचार करने का अधिकार नहीं देता है।
स्मरण रहे यह जांच नौकरी के बदले जमीन घोटाले मे हो रही है।अब इस मामले मे बिहार के उप- मुख्यमंत्री तेजस्वी को सम्मन भेजा गया है। वह सम्मन के बावजूद सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हो रहे है। मेरी समझ मे तेजस्वी को जल्द से जल्द सीबीआई के समक्ष पेश हो कर अपना पक्ष रखना चाहिए। केवल केन्द्रीय सरकार पर इन जांच एजैंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाना ही काफी नहीं है। आपको इस दुरुपयोग को सिद्ध भी करना होगा। जांच से भागना या जांच एजैंसी के सामने पेश न होना इसका समाधान नहीं है। यदि आपको लगता है कि आप पर झूठा केस बनाया जा रहा है तो आपके पास अपने खिलाफ की गई एफ आई आर को रद्द करवाने का कानूनी अधिकार है। आप इसका इस्तेमाल कर सकते है। स्मरण रहे जब लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाले के आरोप लगे थे तब भी लालू प्रसाद और इनका परिवार उन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बता रहे थे, लेकिन वह आरोप अदालत मे सिद्ध हो चुके है और लालू को कुछ मामलों मे सजा भी हो चुकी है। मेरे विचार मे नौकरी के बदले जमीन बहुत गंभीर आरोप है। इसकी जांच के दौरान पुख्ता सबूत भी जांच एजेंसियों के हाथ लग रहे है। मेरी समझ मे हर जांच को राजनीति से प्रेरित बताकर विरोध करना सही नहीं है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।