*राहुल_गांधी_की_लोकतंत्र_बचाने_के_नाम_पर_कांग्रेस_का_अस्तित्व_बचाने_की_लड़ाई* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश
05 मार्च 2022- (#राहुल_गांधी_की_लोकतंत्र_बचाने_के_नाम_पर_कांग्रेस_का_अस्तित्व_बचाने_की_लड़ाई)-
कभी- कभी ऐसा संयोग होता है कि नेताओं की कथनी और करनी मे फर्क साफ नजर आता है। सोमवार को राहुल गांधी ने दोषसिद्वि के खिलाफ सूरत की कोर्ट मे अपील दायर करने के बाद कहा कि वह लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे है। यह एक संयोग है कि उसी समय हिमाचल की कांग्रेस सरकार विधान सभा मे लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ने वालो की सम्मान योजना को समाप्त कर रही थी। यह भी उल्लेखनीय है की उस समय राहुल का साथ देने के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू भी सूरत मे कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मौजूद थे और लोकतंत्र की दुहाई दे रहे थे। स्मरण रहे मोदी उपनाम को लेकर मानहानि के मामले मे राहुल गांधी को सूरत की कोर्ट ने दो वर्ष की सजा सुनाई है। हालंकि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.पी मोगेरा ने राहुल को जमानत दे दी है, लेकिन दोष सिद्धी पर रोक के लिए सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। इतिहास गवाह है कि भारत मे आपातकाल के समय लोकतांत्रिक अधिकार समाप्त कर दिए गए थे। मौलिक अधिकार भी निलंबित थे। सैंकड़ो राजनैतिक कार्यकर्ताओं को 25 और 26 जून को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद लाखों लोगो ने लोकतंत्र की बहाली के लिए सत्यग्रह किया और जेलों मे यातनाएं सही। यह बात काबिले गौर है कि आपातकाल राहुल गांधी की दादी इंदिरा जी के कार्यकाल मे लगाई गई थी।
राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि केस मे अदालत द्वारा दोषी माना गया है। अब उनका यह लोकतांत्रिक अधिकार है कि ऊपर की अदालत मे अपील कर सकते है। जिसका वह उपयोग कर रहे है। इस पर किसी को ऐतराज नहीं हो सकता। याद रहे आपातकाल मे मीसा बंदी अदालत मे अपील के अधिकार से वंचित थे। मुझे एक सन्तोष जरूर है कि राहुल ने अपील कर देश की न्यायिक प्रक्रिया मे विश्वास प्रकट किया है, जबकि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने तो इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला मामने से भी इन्कार कर दिया था। मेरी समझ मे तो राहुल गांधी अपने और कांग्रेस के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहे है। वर्तमान मे कांग्रेस का अस्तित्व खतरे मे है। इससे बड़ा खतरा राहुल की चुनावी राजनीति को है क्योंकि यदि उनकी दोष सिद्धी पर रोक नहीं लगती तो वह चुनाव नही लड़ सकेंगे। मेरे विचार मे राहुल गांधी को अपने और कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व की लड़ाई लड़ने का पूरा अधिकार है, लेकिन अपने अस्तित्व की लड़ाई को लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई न बताएं ।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।