*उत्तर_प्रदेश_मे_माफिया_पुलिस_और_राजनीतिज्ञों_की_देन* *MN SOFAT*
23 अप्रैल 2023- (#उत्तर_प्रदेश_मे_माफिया_पुलिस_और_राजनीतिज्ञों_की_देन)-
हाल ही मे गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या और अतीक के एनकाउंटर के बाद चर्चा गर्म है कि यह माफिया जन्म कैसे लेता है और इसका पालन पोषण कौन करता है। हालांकि मेरे पास उत्तर प्रदेश की सीधी जमीनी सूचनाएं नहीं, लेकिन मीडिया मे छपी रिपोर्ट के अवलोकन के बाद यह निष्कर्ष सहजता से निकाला जा सकता है कि माफिया का पालन पोषण पुलिस और राजनेताओं द्वारा ही किया जाता है और छोटे गैंगस्टरो को पुलिस का आशीर्वाद होता है और जब वह छोटे से बड़े बन जाते है तो उनके सम्पर्क राजनेताओं के साथ बन जाते है। इसके बाद जब वह और बड़े हो जाते है तो वह स्वयं राजनेता बन जाते है।
प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक मे छपी रिपोर्ट अतीक अहमद की ऐसी ही कहानी बताती है। अतीक उत्तर प्रदेश मे अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह माना जाता था। उसकी अपराध के शुरुआती दौर की बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी ओ पी सिंह ने अखबार को बताया कि मै बतौर एस पी इलाहाबाद पुलिस को धमकाने के आरोप मे अतीक को गिरफ्तार करना चाहता था, लेकिन मुलायम सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सीधा दखल देकर ऐसा करने से रोक दिया था। इसी प्रकार दूसरे डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि मायावती भी अतीक की पत्नी जो कि अब भगौड़ी है को प्रयागगंज से टिकट देना चाहती थी। हांलाकि यह बात सिरे नहीं चढी थी, लेकिन विक्रम सिंह आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहते है कि मायवती राजनैतिक लाभ के चलते यह भी भूल गई थी कि अतीक उस भीड का 1995 मे नेतृत्व कर रहे थे जिसने वीआईपी गेस्ट हाउस पर आक्रमण किया था जिसमे मायावती ठहरी हुई थी।
अखबार की रिपोर्ट कहती है कि वह एक बार सासंद बना और पांच बार विधायक बना था। वह तीन बार निर्दलीय विधान सभा चुनाव जीता जबकी एक बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर और एक बार अपना दल के टिकट पर चुन कर विधान सभा पहुंचा था। उसने राजनिति मे आने के बाद अरबो की सम्पति का सम्राज्य खडा किया और उसके ऊपर हत्या, डकैती और जबरन कब्जो के अनगिनत मुकदमे विचाराधीन है। अब अतीक इस दुनिया मे नही है और उसकी हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है इसकी विस्तृत विवेचना हो रही है। हालांकि उत्तर प्रदेश के आमजन माफिया और गैंगस्टरो के खत्म होने से खुश है। लेकिन कुछ लोग इन माफिया से निपटने के योगी सरकार के तरीक़े से सहमत नही है। लेकिन योगी को ऐसे लोगो की कोई परवाह नही है क्योकि योगी अपराधी, पुलिस और राजनेताओ के गठजोड को तोड़ रहे है। वह अपराधियो के साथ हाथ मिलाने मे नही अपितु अपराधियों के हाथ तोड़ने मे विश्वास रखते है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।